Pitru Paksha 2024: सपने में दिखाई दें दिवंगत आत्माएं, तो क्या करें… प्रेमानंद महाराज ने बताया समाधान

प्रेमानंद महाराज ने बताया कि सपने में परिवार के मृत सदस्यों का दिखाई देना कोई चिंता की बात नहीं है। सपने सिर्फ हमारी कल्पना का प्रतिबिंब होते हैं। इन पर ज्यादा मंथन नहीं करना चाहिए। जितना मंथन करेंगे, उतने उलझते जाएंगे। बेहतर है, जिंदा लोगों की सेवा करें।

HIGHLIGHTS

  1. परिवार के दिवंगत सदस्यों के सपने में दिखाई देने को गंभीरता से न लें
  2. जीवित लोगों की सेवा करें, मरने के बाद उनके निमित्त सत्कर्म अवश्य करें
  3. भगवान और भक्तों के अलावा सपने में जो कुछ दिखाई दे, वो मिथ्या है

धर्म डेस्क, इंदौर (Premanand Maharaj)। प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचन में भक्तों को जीवन से जुड़ी अलग-अलग परेशानियों का समाधान भी बताते हैं। इस बीच, पितृपक्ष (Pitru Paksha 2024) में लोगों के अपने परिवार की दिवंगत आत्माओं से जुड़े कई सवाल रहते हैं। अपने एक प्रवचन में उन्होंने बताया कि किसी को सपने में दिवंगत रिश्तेदार या लोग दिखाई दे, तो यह किस बात का संकेत है?

एक भक्त के सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि सपने तीन प्रकार के होते हैं। पहले जिनमें परिवार के मृत सदस्य दिखाई देते हैं। दूसरे जिनमें भगवान और साधु-संत के दर्शन होते हैं और तीसरे जिनमें वो दिखाई देते हैं, जिनका अस्तित्व ही नहीं है।

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, हमारा मन कई लोगों के साथ जुड़ा रहता है। ये चाहे जिंदा हो या दिवंगत, सपने में दिखाई देना कोई चिंता की बात नहीं है। ऐसा नहीं है कि आपने कुछ बुरा किया है, जिसके कारण ये कोई संकेत देना चाहते हैं। ऐसा कुछ नहीं है।

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कोई दिवंगत सपने में दिखाई दे, तो क्या करें

  • प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ऐसे सपनों को बहुत गंभीरता से न लें।
  • परिवार के मृत सदस्य के प्रति कुछ करना चाहते हैं, तो धर्म-कर्म करें।
  • जैसे नाम जप करें और उस अनुष्ठान के मृत सदस्य को अर्पित कर दें
  • गाय को रोटी या घास खिलाने से भी मृत आत्माओं को संतुष्टि मिलती है।
  • यदि आप सम्पन्न हैं तो भागवत कथा का आयोजन करवा सकते हैं।

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दान-पुण्य की आदत डाल लें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, परिवार में दान-पुण्य की आदत होना चाहिए। हम यदि जल और अन्न का भी दान करते हैं, तो यह हमारे पूर्वजों तक पहुंचता है और उनको संतुष्टि मिलती है। इसीलिए पिंडदान का भी महत्व है।

उन्होंने आगे बताया कि यदि जीवित रहते हुए अपने परिवार के बड़े सदस्यों का सम्मान करें, उनकी सेवा करें। यदि उनके मरने के बाद कुछ करना चाहते हैं, तो दान-पुण्य और सत्कर्म करें। इसके अलावा किसी बात पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। ऐसे सपनों को गंभीरता से न लें।

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