Ayodhya Mandir: रामलला तो आ गए, लेकिन कहां रह गए परम भक्त हनुमान, खुदाई के दौरान मिली थी मूर्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में राम मंदिर में रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह हुआ था। इसके बाद से भक्तों के मन में सवाल था कि भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी की प्रतिमा को इस मंदिर में कब स्थापित किया जाएगा। अब राम मंदिर ट्रस्ट ने इसके बारे में जानकारी दी है।
HIGHLIGHTS
- राम जन्मभूमि परिसर की खुदाई में मिली थी हनुमान जी की मूर्ति।
- जिसे रामलला के पास अस्थायी राम मंदिर में किया गया था स्थापित।
- नवनिर्मित राम मंदिर परिसर में बन रहा है हनुमान मंदिर।
धर्म डेस्क, इंदौर। Ayodhya Mandir: 22 जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर में भगवान राम के बाल स्वरूप रामलला को विराजित किया गया था। लेकिन अभी तक भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी वैकल्पिक गर्भगृह में विराजमान हैं। यहीं पर उनकी नियमित रूप से विधि-विधान से पूजा की जाती है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने हनुमान जी की सेवा के लिए दो नए सहायक पुजारी नियुक्त किए हैं।
वैकल्पिक गर्भगृह में किया गया था स्थापित
- 2003 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक टीम ने उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश पर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि परिसर की खुदाई की।
- खुदाई के दौरान हनुमान जी की एक छोटी सी मूर्ति भी मिली, जिसे विधिवत रामलला के पास अस्थायी राम मंदिर में स्थापित कर दिया गया। तभी से भगवान श्री राम के साथ हनुमान जी की भी नियमित पूजा होने लगी।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2019 में जब राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, तो अस्थायी मंदिर में रखी रामलला की मूर्तियों को वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया और हनुमान जी की मूर्ति भी स्थापित की गई।
मुख्य पुजारी ने दी जानकारी
22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के बाद नवनिर्मित मंदिर में नई मूर्ति के साथ-साथ रामलला की पुरानी मूर्तियां भी गर्भगृह में स्थापित कर दी गईं, लेकिन वैकल्पिक गर्भगृह में हनुमान जी की मूर्ति अभी भी स्थापित है, जो खुदाई में प्राप्त हुई थी।
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि नए हनुमान मंदिर के निर्माण के बाद ट्रस्ट अधिकारी तय करेंगे कि हनुमानजी को कहां स्थापित किया जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि यह मूर्ति राम मंदिर परिसर में बनने वाले हनुमान मंदिर में स्थापित की जाएगी। राम मंदिर व्यवस्थाओं को संभालने वाले गोपाल राव का कहना है कि अभी यह तय नहीं है कि हनुमानजी की मूर्ति कहां रखी जाएगी, फिलहाल दो पुजारी उनकी सेवा में करते हैं।