छत्तीसगढ़ के पंजीयन विभाग में कसावट के लिए सर्जरी, बाबू से लेकर अफसरों का सुबह तबादला, शाम तक ज्वाइनिंग
छत्तीसगढ़ के पंजीयन विभाग में पहली बार बाबू से लेकर अधिकारियों को एक साथ बदल दिया गया है। 60 से अधिक पंजीयकों, वरिष्ठ उप पंजीयकों, लिपिकों और कार्यरत सहायकों का तबादला सुबह 10 बजे किया गया। दोपहर तक सभी को कार्यमुक्त भी कर दिया गया। शाम तक ज्यादातर ने ज्वाइनिंग भी दे दी है।
HIGHLIGHTS
- छत्तीसगढ़ के मंत्री ओपी चौधरी ने की कार्रवाई।
- रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में सारे कर्मी बदले।
- राजस्व विभाग के 167 अधिकारी भी हटाए गए।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पंजीयन विभाग में पहली बार बाबू से लेकर अधिकारियों को एक साथ बदल दिया गया है। 60 से अधिक पंजीयकों, वरिष्ठ उप पंजीयकों, लिपिकों और कार्यरत सहायकों का तबादला सुबह 10 बजे किया गया। दोपहर तक सभी को कार्यमुक्त भी कर दिया गया। शाम तक ज्यादातर ने ज्वाइनिंग भी दे दी है। इसे पंजीयन विभाग में कसावट व सुधार के दृष्टि से देखा जा रहा है। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के सभी कर्मियों काे बदल दिया गया। तबादला आदेश पूरी योजना बनाकर जारी किया गया है।
विभागीय अधिकारियाें ने तबादले के बाद किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई की गुजाइंश नही छोड़ी । विभागीय अधिकारियों ने पहले ही हाई कोर्ट में कैविएट लगा दिया था, ताकि सरकार का पक्ष सुने बिना कोई फैसला न हो। बताया जाता है कि शुक्रवार को तबादला आदेश जारी करने के पीछे का उद्देश्य यह था कि कोई भी हाई कोर्ट न पहुंच पाए। हाईकोर्ट में शनिवार और रविवार को अवकाश रहता है। सरकार ने सोमवार को अवकाश घोषित किया है।
इनमें सबसे अधिक रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। यहां अच्छा परफार्मेंस करने वाले कर्मियों को लाया गया है। यह सबकुछ मंत्री ओपी चौधरी को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बिना पैसे के काम नहीं करते हैं।
मंत्री चौधरी ने कहा कि पंजीयन विभाग को 60 प्रतिशत राजस्व रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग से प्राप्त होते हैं और सबसे अधिक शिकायतें इन्हीं जिलों में मिल रही थीं। जिनका परफार्मेंस ठीक था, उनका तबादले में ख्याल रखा गया है। रजिस्ट्री विभाग में बहुत से अधिकारी और कर्मचारी लंब समय से जमे हुए थे।
इधर, सीएम की फटकार के बाद हटाए गए राजस्व के 167 अधिकारी
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नाराजगी राजस्व विभाग के अधिकारियों को भारी पड़ गई है। प्रदेश भर से 167 अधिकारियों को बदल दिया गया है। नान-परफार्मिंग अधिकारियों को दूर-दराज के इलाकों में भेजा गया है। अब नान-परफार्मिंग एसपी-कलेक्टरों को भी हटाया जाएगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री साय ने दो दिन चले कलेक्टर-एसपी कान्फ्रेंस के पहले दिन राजस्व विभाग के धीमे कामकाज को लेकर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को जमकर फटकारा था। दूसरे ही दिन शुक्रवार को 55 तहसीलदारों, 28 राजस्व निरीक्षकों, 51 नायब तहसीलदारों तथा 33 उपपंजीयकों की तबादला सूची जारी हो गई।
राज्य शासन के जारी आदेश में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को सात दिनों के भीतर नए पदस्थापना स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। राजस्व निरीक्षकों को 15 दिनों का समय दिया गया है। तबादला सूची में बिलासपुर, धमतरी, कोरबा, रायपुर, दुर्ग, बस्तर समेत प्रदेश के करीब सभी जिलों के अधिकारियों के नाम शामिल है। बताया जाता है कि जमीन पर अवैध कब्जे, फर्जी रजिस्ट्री, जमीन धोखाधड़ी के मामलों की शिकायत लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंच रही थी।
जल्द जारी हो सकती है सूची
राजस्व विभाग में अधिकारियों के बदले जाने के बाद कलेक्टर-एपी के बदले जाने की भी चर्चा तेज हो गई है। राज्य सरकार की ओर से जल्द ही तबादले की सूची जारी हो सकती है। कलेक्टर-एसपी कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री कुछ अधिकारियों के कामकाज से संतुष्ट नजर नही आए थे। मुख्यमंत्री और चीफ सेक्रेटरी ने कलेक्टरों और एसपी के कामकाज की समीक्षा की है।