Bangladesh Hindu Puja: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ एक और फरमान, अजान के वक्त नहीं कर सकेंगे पूजा
Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद वहां के हिंदुओं की हालत खराब होती जा रही है। कट्टरपंथियों को मनमानी करने का मौका मिल गया है। अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भरोसा दिया था, लेकिन उनकी सरकार का काला चेहरा सामने आ गया है।
HIGHLIGHTS
- बांग्लादेश के गृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी किया।
- इस साल बांग्लादेश में 32,666 पूजा मंडप बनाए जाएंगे।
- दुर्गा पूजा के समय हिंदू मंदिरों में मदरसा छात्र रहेंगे तैनात।
एजेंसी, ढाका। Bangladesh News: बांग्लादेश में हिंदू लगातार निशाने पर हैं। शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद हिंदू परिवारों और उनके घरों पर हमले हो रहे हैं। चार बड़ी घटनाओं में मॉब लिचिंग हुई। दस से ज्यादा मंदिरों में तोड़फोड़ हुई है।
हिंदू शिक्षकों को यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से बाहर निकाला जा चुका है। अब दुर्गा पूजा के पंडालों में अजान के दौरान पूजा-पाठ पर रोक लगा दी गई है।
हिंदुओं के लिए तालिबानी आदेश
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह मामलों के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने एलान किया है कि अजान और नमाज के दौरान हिंदू समुदाय के लोगों के लिए पूजा-पाठ करना और लाउडस्पीकर बजाना बैन होगा। यदि कोई नियम का उल्लंघन करेगा तो पुलिस बिना वारंट के अरेस्ट कर सकती है।
लाउडस्पीकर पर भजन सुनने पर प्रतिबंध
सरकार का कहना है कि इस फैसले का सभी समितियों को पालन करना होगा, जो अगले महीने शारदीय नवरात्रि में पंडालों को स्थापित करेंगे। सभी पंडालों में अजान से 5 मिनट पहले पूजा-अर्चना को बंद करना होगा। अजान और नमाज के समय लाउडस्पीकर पर भजन सुनने और मंत्रोच्चर करने पर प्रतिबंध होगा।
30 हजार से ज्यादा पूजा मंडप बनाए जाएंगे
मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने बताया कि देश में 32,666 पूजा मंडप बनाए जाएंगे। 157 मंडप ढाका साउथ सिटी और 88 नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन में होंगे। वहीं, बीते दिनों सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान मंदिरों में मदरसा छात्रों की तैनाती का आदेश जारी किया।
हसीना के प्रत्यर्पण के लिए उठाएंगे कदम- ताजुल इस्लाम
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पित कराने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि छात्र आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं के आरोपों को लेकर उनपर मुकदमा चलाया जा सके। बता दें सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चरम पर पहुंचने के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। वह देश छोड़कर भारत चली गई।