Ganesh Visarjan Date 2024: अनंत चतुर्दशी को ही करें गणेश प्रतिमा का विसर्जन, इसके बाद किया तो मिलेगा बुरा फल
मध्य प्रदेश के जबलपुर में हामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, स्वामी नरसिंहदास महाराज, चेतन्यानंद महाराज ने कहा है कि श्री गणेश प्रतिमा का विसर्जन भारतीय संस्कृति की परंपरा से हो। अनंत चतुर्देशी के अगले दिन से श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाएगा।
HIGHLIGHTS
- अनंत चतुर्दशी पर होगा गणेशोत्सव का समापन
- शहरों में होने लगी गणेश विसर्जन की तैयारियां
- साधु-संत बोले- चतुर्दशी के बाद न हो विसर्जन
जबलपुर। Ganesh Visarjan Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है। इसी दिन गणेशोत्सव का समापन होता है और गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, गणेश प्रतिमा का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन ही किया जाना चाहिए। इसके अगले दिन से पितृ पक्ष लग जाता है और उस दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन धर्म संगत नहीं माना गया है।
श्री गणेश प्रतिमा के विसर्जन शहरों में तैयारियां शुरू
- श्री गणेश प्रतिमा के विसर्जन को लेकर विभिन्न शहरों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जबलपुर में कलेक्टर दीपक सक्सेना और पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह द्वारा जिले के साधु-संतो के साथ बैठक आयोजित की।
- बैठक में महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, स्वामी नरसिंहदास महाराज, चेतन्यानंद महाराज, शरद काबरा सहित प्रतिष्ठित संतजन मौजूद थे।
- बैठक में सभी संतों ने एक स्वर में कहा कि श्री गणेश प्रतिमा का विसर्जन भारतीय संस्कृति की परंपरा व शास्त्रोक्त तरीके से हो। अनंत चतुर्दशी को ही श्रीगणेश प्रतिमा का विसर्जन हो।
- संतों ने बताया कि पितृपक्ष या श्राद्धपक्ष में श्री गणेश प्रतिमा का विसर्जन वर्जित है। यदि इसके बाद प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है, तो वह फलदायी नहीं माना जा सकता।
- सभी संतो ने इस दौरान एक स्वर में कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियां किसी न किसी प्रयोजन की सिद्धि के लिए है। अत: इसे सही दिशा दें और अच्छा वातावरण दें ताकि किसी को असुविधा न हो।
कब होगी पितृपक्ष की शुरुआत
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से आरंभ हो जाएगी और 18 सितंबर को सुबह 8 बजकर 4 मिनट तक रहेगी। इस तरह श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होगी। इस दौरान पिंडदान, तर्पण, ब्राह्मण भोजन और दान जैसे कार्य किए जाएंगे।