अयोध्या के बाद अब भगवान राम के ननिहाल में भ्रष्टाचार, कौशल्या मंदिर की छत से टपक रहा पानी
रायपुर से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विश्व के एकमात्र माता कौशल्या मंदिर की छत से पानी टपकने की खबरों ने धार्मिक स्थल की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मंदिर तीन साल पहले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाया गया था, और अब इसके निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
HighLights
- एकमात्र चंदखुरी मंदिर की दीवारों से टपकीं भ्रष्टाचार की बूंदें।
- कौशल्या मंदिर की छत से पानी टपकने पर राजनीति तेज।
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्ववर्ती कांग्रेस पर साधा निशाना।
रायपुर। राजधानी रायपुर से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर तीन साल पहले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बने विश्व के एकमात्र माता कौशल्या मंदिर की दीवारों से भ्रष्टाचार की बूंदें टपक रही हैं। छत टपकने से मंदिर परिसर के भीतर पानी जमा हो चुका है। यदि स्थिति को नहीं सुधारा गया तो मंदिर की प्रसिद्ध पर दाग लग सकता है।
कौशल्या मंदिर की छत से पानी टपकने पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में बारिश में निर्माण कार्य की खामियां उजागर हो गई। यहां निर्माण के बाद पहली बारिश में ही भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में पानी का रिसाव देखा गया।
कांग्रेस सरकार का एक और भ्रष्टाचार उजागर : सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि कौशल्या धाम की छत से पानी टपकने का अर्थ है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का एक और भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। पूर्व कांग्रेस सरकार के नेताओं ने माता कौशल्या के मंदिर को भी नहीं छोड़ा तो सोच सकते हैं कि कितना भ्रष्टाचार किया गया है।
करोड़ों रुपये खर्च कर मंदिर बनाया गया और छत टपक रही है। कांग्रेस सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में एक भी वादा पूरा नहीं किया। पूर्व सरकार की नाकामी की वजह से 2023 में सरकार से हाथ धोना पड़ा।
मुख्यमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि कांग्रेस के द्वारा प्रदेशभर में कानून व्यवस्था की नाकामी को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन से ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री मंदिर-मस्जिद के मुद्दों को तूल दे रहे हैं। मुख्यमंत्री को पहले कानून व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए और विकास कार्यों को लेकर बात करनी चाहिए। महिलाओं की अस्मिता की रक्षा करनी चाहिए।