कमरछठ: मंदिर व घर के आंगन में बनेगी सगरी, बहुला चौथ पर आज विशेष पूजन
हेरंब संकष्टी चतुर्थी और बाहुला चौथ पर 22 अगस्त को रेलवे परिक्षेत्र कंस्ट्रक्शन कालोनी स्थित श्री सुमुख गणेश मंदिर में विशेष पूजा होगा। वैसे बुधवार से चतुर्थी प्रारंभ हो गया है। लेकिन उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए यहां कल पूजा अर्चना होगी। भक्त गणपति के दर्शन करने और आशीर्वाद लेने पहुंचेंगे।
HIGHLIGHTS
- आ गया पसहर चावल, पत्तल, दोना, दातून, लाई व महुआ
- फल-फूल की बिक्री को लेकर व्यापारी अभी से उत्साहित
- हेरंब संकष्टी चतुर्थी और बाहुला चौथ आज 22 अगस्त को
बिलासपुर। कमरछठ (हलषष्ठी) पर्व छत्तीसगढ़ देव पंचाग अनुसार 24 अगस्त को मनाया जाएगा। माताएं इस दिन संतान के स्वास्थ्य खुशहाली एवं दीर्घायु की कामना कर व्रत रखेंगी। पर्व के अवसर पर मंदिर व घर-आंगन में मिट्टी खोदकर सगरी बनाया जाएगा। इसमें पानी डालकर फुल-पत्तियों से सजाए जाएंगे। यहां भगवान शिव परिवार की स्थापना विधि-विधान से कर पूजा-अर्चना की जाएगी। ठीक पहले बाजार में पूजन सामग्री आ चुकी है। पसहर चावल, पत्तल, दोना, दातून, लाई व महुआ से लेकर फल-फूल की दुकानें सजने लगी हैं।
शिव मंदिर पं.रमेश तिवारी का कहना है कि हलषष्ठी पर्व से संबंधित कथा वाचन एवं श्रवण किया जाता है। पर्व पर महिलाएं एकत्र होकर एक साथ पूजा-अर्चना करेंगी। इस पर्व पर उपवास तोडकर खास अन्न ‘पसहर चावल’ का सेवन करेंगी। शनिचरी, गोलबाजार, बृहस्पति और बुधवारी बाजार में पसहर चावल आ चुका है। 200 से 300 रुपये किलो भाव बिक रहा है।
अंचल में इस पर्व को बड़े भक्तिभाव और उत्साह से मनाया जाता है। पूजा में पसहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, बेल पत्ती, कांशी, खमार, बांटी, भौरा सहित अन्य सामग्रियों का उपयोग होता है। पूजन पश्चात माताएं घर पर बिना हल के जुते अनाज पसहर चावल, छह प्रकार की भाजी को पकाकर प्रसाद के रूप में वितरण कर अपना व्रत पारण करती हैं।
कजरी तीज पर महिलाओं ने किया सोलह शृंगार
बुधवार को संस्कारधानी में सुहागिनों ने कजरी तीज का व्रत रखा। सोलह शृंगार कर गौरी-शंकर की पूजा की। वैसे यह पर्व मुख्य रूप से राजस्थान में मनाया जाता है, लेकिन अब बिलासपुर में भी मारवाड़ी परिवार की महिलाएं पूजन करने लगी हैं। घरों में झूला एवं गीत-संगीत का कार्यक्रम हुआ। कजरी तीज की कथा भी सुनी।