छत्तीसगढ़ पुलिस में फेरबदल, IAS प्रसन्ना को गृह विभाग का जिम्मा, अरुण बने होमगार्ड के डीजी
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के कुछ आईपीएस अधिकारियों के प्रभार में बदलाव किया। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार आईएएस डा. सीआर प्रसन्ना को गृह एवं जेल विभाग के सचिव का अतरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
HIGHLIGHTS
- 25 दिन पहले चार IAS व तीन IPS अधिकारियों का हुआ था तबादला।
- अरुण देव को लोक अभियोजन के संचालक का दिया गया अतिरिक्त प्रभार।
- नेहा को IG पुलिस मुख्यालय से सामान्य प्रशासन विभाग में दी गई प्रतिनियुक्ति।
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के कुछ आईपीएस अधिकारियों के प्रभार में बदलाव किया। सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार आईएएस डा. सीआर प्रसन्ना को गृह एवं जेल विभाग के सचिव का अतरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
इनके पास सहकारिता विभाग के अलावा ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान की जिम्मेदारी है। वहीं, 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण देव गौतम को नगर सेना, नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन सेवा का महानिदेशक बनाया गया है।
पुलिस महानिदेशक की रेस में सबसे आगे बने रहने वाले अरुण देव होमगार्ड के डीजी बनाए गए हैं। अभी तक वे सामान्य प्रशासन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर थे। जारी आदेश के मुताबिक अरुण देव को लोक अभियोजन के संचालक का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
इधर 2004 बैच की आईपीएस अधिकारी नेहा चंपावत को आईजी पुलिस मुख्यालय से सामान्य प्रशासन विभाग में प्रतिनियुक्ति दी गई है। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। डीजीपी का कार्यकाल बढ़ाने जाने की वजह से अरुण देव को अभी डीजी की जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा का कार्यकाल फरवरी 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले जुनेजा का कार्यकाल चार अगस्त 2024 को खत्म होने वाला था।
उल्लेखनीय है कि आईपीएस अरुण देव गौतम व 1994 बैच के आइपीएस अधिकारी हिमांश गुप्ता को बीते महीने एडीजी से डीजी रैंक पर पदोन्नत किया गया था। केंद्र सरकार ने डीजीपी के लिए 25 वर्ष सेवा का नियम लागू किया है।
गृह विभाग के मुताबिक विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक अब जनवरी 2024 में आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार ने 25 दिन पहले चार आईएएस व तीन आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया था, जिसमें महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए सरकार ने लाल उमेंद सिंह को मुख्यमंत्री सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी थी। विनीत नंदनवार व अभिषेक अग्रवाल को मंत्रालय भेजा गया था।