हो गया ‘खुलासा’… ‘बांग्लादेश में हिंसा के पीछे पाकिस्तान का है हाथ’, शेख हसीना के बेटे ने ISI पर भी कही बड़ी बात

बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने इस अराजकता के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने शांति बहाली के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाने का अनुरोध किया है।

HIGHLIGHTS

  1. बांग्लादेश में पिछले कई दिनों से जारी है हिंसा
  2. आरक्षण के मुद्दे पर देश में शुरू हुए थे प्रदर्शन
  3. शेख हसीना पीएम पद से दे चुकी हैं इस्तीफा

एजेंसी, नई दिल्‍ली (Violence in Bangladesh)। बांग्लादेश में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है और वे फिलहाल भारत में रह रहीं हैं। उधर, बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन कर दिया गया है।

इन सभी घटनाक्रमों के बीच शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार बताया है और कहा कि इस अराजकता में पाकिस्तान का हाथ है।

कब बांग्‍लादेश जाएंगी हसीना

सजीब वाजेद जॉय ने शेख हसीना की वतन वापसी को लेकर कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल होने के बाद वे देश लौट जाएंगी। हालांकि, वे सक्रिय नेता के तौर पर बांग्‍लादेश जाएंगी या सेवानिवृत्त नेता के तौर पर वतन वापसी करेंगी, यह स्पष्ट नहीं है।

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पार्टी कार्यकर्ताओं को दिया भरोसा

सजीब वाजेद जॉय ने आवामी लीग के कार्यकर्ताओं को भरोसा दिया है। उन्होंने आवामी लीग को बांग्लादेश की सबसे पुरानी पार्टी बताते हुए कहा कि वे अपनी पार्टी और कार्यकर्ताओं को बीच में नहीं छोड़ेंगे।

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प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की

शेख हसीना को सुरक्षा देने के लिए सजीब वाजेद जॉय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। साथ ही कहा वे पूर्वी क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाएं।

 

बांग्लादेश में चल रहे ‘इंडिया आउट’ कैंपेन पर भी जाॅय ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में भारत विरोधी ताकतें सक्रिय है। अब आईएसआई बांग्लादेश में हथियारों की सप्लाई कर सकती है। उन्होंने कहा हम हमारे लोगों की सुरक्षा के जो बन पड़ेगा वो करेंगे। उन्‍होंने भारत से अनुरोध किया है कि वे आवामी लीग की सुरक्षा के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाएं।

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