संरक्षित परिवार के दो बहनों की मौत, कारण जानने स्वास्थ्य विभाग ने काराया पोस्टमार्टम, बुखार से पीड़ित थी मृतक बहने, पिता ने कराया था झाड़-फूंक

मामला आदिवासी धरमजयगढ़ अंचल संरक्षित जनजातीय बाहुल्य ढोढागांव का यहां दो सगी बहनों की बुखार की चपेट में आकर जान गवाने का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध हालत में मौत के बाद पोस्टमार्टम असल वजह जानने के लिए करवाया है। चिकित्सकों ने पीलिया की आशंका जताए है,ऐसे में स्वास्थ्य कैंप गांव और स्कूल में लगाया गया है।

HIGHLIGHTS

  1. इलाज के दौरान मौत से स्वास्थ्य विभाग सकते में
  2. स्वास्थ्य विभाग ने गांव व आसपास लगाया कैंप
  3. मौत की वजह जानने दोनों बहनों का हुआ पोस्टमार्टम

रायगढ़। ढोढागांव की दो सगी बहनों को कुछ दिन से लगातार बुखार आ रहा था। अंजनी नाग उम्र छह साल और उसकी बड़ी बहन संजना नाग 10 वर्ष बीते कुछ दिन से बुखार से पीड़ित थे। दोनों संरक्षित परिवार से ताल्लुक रखते है। अचानक बुखार आया तो वे स्कूल भी पढाई के लिए आना जाना बंद कर दिए थे।

झाड़-फूंक के चक्कर में आए पिता

बुखार को देखते हुए उसके पिता राम लाल ने अपने स्तर में ही झाड़ फूंक गांव में ही करवाने लगे। इससे दोनो बहनों की सेहत में कोई सुधार नही आया जबकि और बढ़ते गया। इन परिस्थितियों को देखते हुए स्वजन उपचार के लिए पड़ोसी जिला जशपुर के पत्थलगांव में उपचार के लिए भर्ती कराने लाए, यहां उनकी दोनों की मौत एक के बाद एक हो गई।

संरक्षित परिवार के एक ही घर से दो बहनों की मौत से स्वास्थ्य विभाग सकते है। स्थानीय प्रबंधन ने तत्काल पूरे घटनाक्रम की जानकारी धर्मनगर बीएमओ की दी जिस पर अपनी टीम के साथ पत्थलगांव आए और अस्पताल में स्वजनों का कथन दर्ज किए।

जबकि संदेहास्पद हालत में मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरे घटनाक्रम की सच्चाई जानने पोस्टमार्टम की कानून प्रक्रिया को पूरा करवाई है। फिलहाल इस घटना से 4 भाई बहनों में दो की मौत से परिवार के लोग सहमे हुए है।

स्कूल और गांव में लगाया गया स्वास्थ्य कैंप

दो बहनों की मौत से गांव से लेकर पूरे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। गांव में कई तरह की चर्चा चल रही है इधर पत्थलगांव तथा धर्मजयगढ़ स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच पड़ताल की तो उन्हें पीलिया के लक्षण मिले है। इन परिस्थितियों के बाद स्वास्थ्य विभाग से लेकर स्कूलों में स्वास्थ्य कैंप लगाई है। गांव से लेकर स्कूलों के सभी छात्र-छात्राओं का परीक्षण भी किया जा रहा है। स्कूल नही आने वाले बच्चों की जानकारी निकालकर उनके घर पहुंच रही है।

 

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