आस्था का केंद्र पुराने मंदिरों का जल्द होगा कायाकल्प : संसदीय सचिव की पहल पर जीर्णाेद्धार के लिए 12 मंदिरों का चयन

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH महासमुन्द। महासमुन्द विधानसभा क्षेत्र में आस्था का केंद्र पुराने मंदिरों का जल्द ही कायाकल्प होगा। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर की पहल पर क्षेत्र के 12 मंदिरों के जीर्णाेद्धार कराया जाएगा। इसके लिए करीब 45 लाख रूपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने क्षेत्र के पुराने मंदिरों का जीर्णाेद्धार कराने पहल करते हुए जिला प्रशासन को सुझाव दिया। बाद इसके जीर्णाेद्धार के लिए महासमुन्द विधानसभा क्षेत्र के 12 मंदिरों का चयन किया गया है। जिसमें सिरपुर के श्री गंधेश्वर नाथ मंदिर, बकमा के महादेव स्वामी शंकर मंदिर, कनेकेरा के श्री कनेश्वर महादेव मंदिर, बम्हनी के श्री बम्हनेश्वर महादेव मंदिर, धनसुली के कर्रापाठ मंदिर, भोरिंग के माँ चण्डी मंदिर, खट्टी के सोनई-रूपई माता मंदिर, सिरपुर के मां महामाया मंदिर, अछोला के मां महामाया मंदिर, बावनकेरा के मुगई माता मंदिर, पटेवा के पतई माता मंदिर व कौंवाझर के जय मां खल्लारी मंदिर शामिल है। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने बताया कि सिरपुर के श्री गंधेश्वर नाथ मंदिर, बकमा के महादेव स्वामी शंकर मंदिर, कनेकेरा के श्री कनेश्वर महादेव मंदिर, बम्हनी के श्री बम्हनेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णाेद्धार के लिए पांच-पांच लाख रूपए, धनसुली के कर्रापाठ मंदिर व बावनकेरा के मुगई माता मंदिर के जीर्णाेद्धार के लिए चार-चार लाख रूपए, भोरिंग के माँ चण्डी मंदिर के लिए दो लाख रूपए तथा खट्टी के सोनई-रूपई माता मंदिर, सिरपुर के मां महामाया मंदिर, अछोला के मां महामाया मंदिर, पटेवा के पतई माता मंदिर व कौंवाझर के जय मां खल्लारी मंदिर के जीर्णाेद्धार के लिए तीन-तीन लाख रूपए का प्रस्ताव बनाया गया है। आस्था का केंद्र पुराने मंदिरों का जल्द ही कायाकल्प होगा। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि राज्य के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के स्थलों को निखारने के लिए भूपेश सरकार संकल्पित हैं। प्रभु श्री राम के ननिहाल चंदखुरी का सौंदर्य पौराणिक कथाओं की नगरों जैसा ही आकर्षक बनाया गया है। साथ ही प्राचीन कौशिल्या मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए पूरे परिसर का सौंदर्यीकरण कराया गया है। इसी तरह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम जहां-जहां ठहरे थे वहां-वहां भूपेश सरकार ने विकास कराया है। देश में छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जहां राम वनगमन पथ पर काम हुआ है।00000000000000

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