हाथी के बच्चे की मौत के बाद 58 हाथियों का दल छाल रेंज में डटे, मानव द्वंद रोकने के लिए वन विभाग की टीम कर रही है मुनादी, ड्रोन से भी रख रहे है नजर
जिले के छाल तथा धरमजयगढ़ में हाथियों की बड़ी संख्या होने की वजह से वन विभाग, हाथी मित्र दल के अलावा हाथी टैकरों की टीम ड्रोन कैमर के अलावा अन्य तरीके से हाथियों की हर मूवमेंट पर नजर बनाये हुए है। 58 हाथियों के इस दल में नर हाथी की संख्या 14, मादा हाथी 29 के अलावा 15 बच्चे शामिल हैं।
HIGHLIGHTS
- हाथी के बच्चे की तालाब के पानी मे डूबकर मौत।
- हाथियों का बड़ा दल इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा ।
- वन विभाग हाथियों की हर मूवमेंट पर नजर बनाये हुए।
रायगढ़। छाल वन परिक्षेत्र क्षेत्र में हाथी के बच्चे की तालाब के पानी मे डूबकर मौत होने के बाद हाथियों का बड़ा दल इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा है। इस दल में 58 हाथी विचार करते हुए जंगल में नजर आए हैं वन विभाग की पूरी सक्रियता के साथ ड्रोन कैमरे व अन्य माध्यम से नजर बनाए हुए हैं जबकि जननी आर्थिक क्षति रोकने के जंगल से दूरी बनाए रखने मुनादी और अपील कर रही हैं।
विभाग के डीएफओ ने बताया कि सर्वाधिक हाथी छाल रेंज के हाटी बीट में हैं।
- यह धरमजयगढ़ वन मंडल में सबसे बड़ा दल है।
- हाथियों का यह दल सिथरा मेन रोड को क्रॉस कर ईस्ट कारीडोर रेल लाइन के करीब पहुंचा गया।
- धरमजयगढ़ वन मंडल छाल रेंज की बात करें तो यहां कुल 58 हाथी अलग-अलग बीट में विचरण कर रहे हैं।
- जिसमें सर्वाधिक हाथी हाटी बीट में है, जहां कुल 50 हाथी हैं इसी तरह बेहरामार में दो, छाल में एक, कुडुकेकेला में एक, बनहर में एक, लोटान में एक, औरानारा में एक, बोजिया बीट में एक हाथी विचरण कर रहा है।
भटकते हुए जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्र में दे रहे है धमक
लगातार कटते जंगल और जंगलों के बीच रेल लाइन गुजरने से हाथियों का दल अब भटकते-भटकते या तो किसानों के खेतों में पहुंचकर फसल नुकसान करता है या फिर किसी इंसान से सामना होने पर इंसान की जान जा रही है। इसी बीच एक माह के भीतर ही अब तक तीन लोगों की मौत हाथी के हमले से हो चुकी है। वर्तमान समय की बात करें तो रायगढ़ जिले में कुल 151 हाथी अलग-अलग रेंज के अलग-अलग बीट में विचरण कर रहे हैं।
वर्जन
हाथियों से नुकसान का मुआवजा पाने भटक रहा ग्रामीण
सरगुजा जिले के लखनपुर वन परिक्षेत्र के हाथी प्रभावित ग्राम पटकुरा के ग्रामीण मुआवजा पाने पिछले एक वर्ष से वन विभाग कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा आश्वासन के बाद भी आज तक ग्रामीण को मुआवजा नहीं मिल सका। हाथी प्रभावित ग्राम पटकुरा निवासी सोन साय मझवार के घर को जुलाई माह 2023 में हाथियों द्वारा तोड़ दिया गया था।
सूचना पर वन विभाग मौके पर पहुंचा और मुआवजा प्रकरण तैयार किया गया। परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी ग्रामीण को मुआवजा नहीं मिल सका। मुआवजा पाने ग्रामीण वन विभाग कार्यालय का चक्कर लगा रहा है। जब ग्रामीण लखनपुर वन विभाग कार्यालय पहुंचा और मुआवजा को लेकर वन परिक्षेत्राधिकारी से मुलाकात कर आवेदन दिया।
लगातार ग्रामीण कार्यालय का चक्कर लगा रहा है ना तो अधिकारी फोन उठा रहे हैं और ना ही कार्यालय में उनसे मुलाकात हो पा रही है। आरोप है कि लखनपुर वन परुक्षेत्राधिकारी आए दिन कार्यालय से नदारत रहती है।
वन विभाग कार्यालय में आने वाले लोगों से मुलाकात नहीं होने से वे परेशान है। इस संबंध में वन परिक्षेत्राधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।