सरगुजा, सूरजपुर व बलरामपुर जिले को मिले 59 चिकित्सक,सुविधा बढ़ेगी
राज्य सरकार ने 535 संविदा चिकित्सकों की पदस्थापना की है। इनमें से 59 चिकित्सकों की पदस्थापना सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले में की गई है। बलरामपुर जिले के दूरस्थ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को नए चिकित्सक मिले हैं लेकिन सरगुजा जिले के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वीकृत सेटअप के अनुरूप अभी तक चिकित्सकों की पदस्थापना नहीं हो सकी है।
HIGHLIGHTS
- राज्य सरकार ने 535 संविदा चिकित्सकों की पदस्थापना की
- अनुबंध के आधार पर दो वर्ष के लिए हुई पदस्थापना
- पदस्थापना बलरामपुर जिले के दूरस्थ अस्पतालों में भी हुई
अंबिकापुर। अंबिकापुर मेडिकल कालेज में एकमुश्त 27 एमबीबीएस चिकित्सकों को पदस्थ कर देने से सरगुजा के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमबीबीएस चिकित्सक की पदस्थापना का सपना पूरा नहीं हो सका है।मेडिकल कालेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना के कारण संविदा आधार पर नियुक्त एमबीबीएस चिकित्सकों की पदस्थापना ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में होने से ज्यादा लाभ मिलता।
मरीजों का दबाब कुछ होगा कम
ग्राम स्तर पर ही ग्रामीणों को प्रारंभिक चिकित्सकीय जांच व उपचार सुविधा मिल जाने से मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों का दबाब कुछ कम हो सकता था। इन अस्पतालों को मिले अनुबंध वाले संविदा चिकित्सकजिला अस्पताल सूरजपुर को चार, सिविल अस्पताल वाड्रफनगर को पांच, 100 बिस्तर अस्पताल कुसमी को सात , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दरिमा को दो एमबीबीएस चिकित्सक मिले हैं। इनके अलावा सीएचसी रघुनाथनगर,पीएचसी उदारी सरगुजा,खम्हरिया,बलंगी,रनहत, जजगा, चांदनी-बिहारपुर, सबाग,बरतीकला,मुरकोल, पंडरी, डिंडो के अलावा सीएचसी ओड़गी, शंकरगढ में एमबीबीएस चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है।
मेडिकल कालेज में जेआर व डेमोंस्ट्रेटर का पद
मेडिकल कालेज अंबिकापुर में एमबीबीएस उत्तीर्ण 27 चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है। इन्हें मेडिकल कालेज के नियमों के तहत जूनियर रेजिडेंट (जेआर) व डेमोंस्ट्रेटर का पद मिलेगा। नेशनल मेडिकल कमीशन की गिनती में इन चिकित्सकों की भी हेड काउंटिंग हो सकेगी। फैकल्टी की कमी से जूझ रहे प्रबंधन को इसका फायदा मिलेगा।इन चिकित्सकों की नियुक्ति दो वर्ष के लिए की गई है।
ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में एमबीबीएस चिकित्सकों के पद रिक्त
सरगुजा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के शासकीय अस्पतालों में एमबीबीएस चिकित्सकों के पद खाली है। जिले का कोई भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसा नहीं है जहां स्वीकृत सेटअप के अनुरूप चिकित्सक पदस्थ हैं। सीतापुर ब्लाक के तीन पीएचसी में से दो में एमबीबीएस चिकित्सक नहीं हैं।बतौली ब्लाक के तीन एमबीबीएस चिकित्सक सीएचसी में पदस्थ है। यहां के दोनों पीएचसी में एमबीबीएस चिकित्सक का पद खाली है।
मैनपाट के चार पीएचसी में से दो, लुंड्रा के छह पीएचसी में से तीन ,लखनपुर के दो पीएचसी में से एक, उदयपुर के चार पीएचसी में से तीन तथा अंबिकापुर ब्लाक के सात पीएचसी में से पांच में एमबीबीएस चिकित्सक नहीं हैं।