पेरिस ओलंपिक में अब मीराबाई चानू का मेडल जीतने का सपना टूटा, अंतिम प्रयास में कांस्य चूकीं, नहीं दोहरा पाई टोक्यो जैसा प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए एक और निराशा भरी खबर है। विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने के बाद देश भर में मायूसी छा गई थी। शाम को मीराबाई चीनू से उम्मीदें थीं लेकिन वो भी बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। वे कांस्य पदक चूक गईं। अंतिम प्रयास में भी उन्हें सफलता नहीं मिल सकी।
HIGHLIGHTS
- पहले प्रयास में चानू ने 85 किलो वजन उठाया।
- दूसरे प्रयास में वह 88 किलोग्राम में नाकाम रही।
- तीसरे प्रयास में 88 किग्रा उठाकर तीसरे स्थान पर रहीं।
पेरिस, एजेंसी। पेरिस ओलंपिक में भारतीय वेट लिफ्टर मीराबाई चानू का पदक का सपना टूट गया है। भारतीय समयानुसार बुधवार रात हुए मुकाबले में वे चौथे स्थान पर रहकर कांस्य पदक चूक गई हैं। मीराबाई बीते कुछ समय से चोटों से जूझ रही थीं। इसका असर उनके खेल पर पड़ा है। इसके चलते टोक्यो ओलपिंक की सफलता को वे पेरिस में नहीं दोहरा सकीं और वेट लिफ्टिंग की 49 किलोग्राम प्रतियोगिता में चौथे स्थान से ही संतोष करना पड़ा।
114 किलोग्राम में नाकामी लगी हाथ
पेरिस में बुधवार रात हुए मुकाबले में चानू ने स्नैच में पहले प्रयास में 85 किलो वजन उठाया। इसके बाद दूसरे प्रयास में वह 88 किलोग्राम के लिए गईं, लेकिन उन्हें नाकामी हाथ लगी। इसके बाद फिर तीसरे प्रयास में 88 किग्रा वजन उठाकर वे स्नैच में तीसरे स्थान पर रहीं। फिर चानू ने क्लीन एंड जर्क में 111 किलोग्राम का वजन उठाया। यहां पदक जीतने के लिए अपने अंतिम प्रयास में मीरा ने 114 किग्रा वजन उठाने का फैसला किया, लेकिन उन्हें असफलता ही हाथ लगी।
टोक्यो में पहले ही दिन जीता था सिल्वर
टोक्यो ओलिपिंक में मीराबाई ने पहले ही दिन सिल्वर मेडल झटककर भारत का खाता खोला था, लेकिन इसके बाद वे लगातार चोटिल होती रहीं। नतीजा ये रहा कि वे पेरिस ओलिंपिक के लिए ठीक तरह से तैयारी नहीं कर पाई। बीच में कई स्पर्धाओं से भी वे दूर रहींं थीं।
चोटों का असर प्रदर्शन पर, चीन की होऊ ने जीता गोल्ड मेडल
चोटों का असर मीरा के प्रदर्शन पर दिखाई दिया है। मालूम हो कि टोक्यो में उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा तक का वजन उठाया था। चीन की होऊ झिहुई ने क्लीन एंड जर्क के अंतिम प्रयास में 117 किग्रा वजन उठाकर न सिर्फ ओलिपिंक रिकार्ड बनाया, बल्कि गोल्ड मेडल भी अपनी झोली में कर लिया। उन्होंने कुल 206 किग्रा वजन उठाया। दूसरी तरफ रोमानिया की मिहेला वालेंटिना ने कुल 205 किग्रा (93+112) का भार उठाकर सिल्वर मेडल जीता। थाइलैंड की सुरोदचाना खांबाओ (200 किग्रा) ने कांस्य पदक अपने नाम किया।