Ram Lala: रामलला का पहला सावन… चांदी के झूले में झूलेंगे, जानिए नागपंचमी भी क्यों रहेगी बेहद खास
हर साल सावन के महीने में भगवान राम के लिए भी विशेष उत्सव किया जाता है। इस दौरान रामलला को चांदी के झूले पर विराजित किया जाता है और उन्हें बेहद ही आकर्षक रूप में सजाया जाता है। इस उत्सव बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पिछले कई सालों से यह परंपरा चली आ रही है।
HIGHLIGHTS
- पहला सावन होने के कारण राम मंदिर की विशेष साज-सज्जा होगी।
- उन्हें झूले पर स्थापित किया जाएगा और विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
- इस प्रक्रिया को धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे झूलनोत्सव कहते हैं।
ब्यूरो, अयोध्या। Ram Lala Darshan: भगवान शिव के साथ-साथ श्रावण मास रामलला के लिए भी बेहद खास होने वाला है। इस अवसर पर नवनिर्मित राम मंदिर में झूलनोत्सव मनाया जाएगा। अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
मंदिर में विराजमान रामलला के लिए यह पहला सावन महीना होगा। ऐसे में उन्हें विशेष साज-सज्जा के साथ झूले पर स्थापित किया जाएगा और विशेष श्रृंगार किया जाएगा। यह झूलनोत्सव गर्भगृह में 9 अगस्त श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी नाग पंचमी से शुरू होगा। ऐसे में नाग पंचमी पर्व और भी खास होने वाला है।
गर्भगृह में झूला झूलेंगे रामलला
अभी इस पर अंतिम फैसला ट्रस्ट ही करेगा। लेकिन यह परंपरा काफी पुरानी है। बता दें कि श्रावण शुक्ल तृतीया तिथि यानी 7 अगस्त से मणि पर्वत पर झूलन महोत्सव शुरू हो जाएगा। राम जन्म भूमि पर बने इस भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद अब चैत्र माह की नवमी तिथि को रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बता दें कि यह पहली बार होगा, जब रामलला श्रावण मास में गर्भगृह में झूला झूलेंगे।
तैयार की जा रही है रूपरेखा
इस महोत्सव में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पुजारियों के माध्यम से रामलला का विशेष श्रृंगार किया जाएगा और फिर उन्हें झूले पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। शृंगार व झूलनोत्सव की शुरुआत की प्लानिंग की जा रही है। ट्रस्ट के सभी सदस्यों की के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा।
चली आ रही परंपराओं के अनुसार, रामनगरी में श्रावण मास की तृतीया तिथि से मणिपर्वत से झूलनोत्सव की शुरुआत होती है।
इतने दिनों तक चलता है झूलनोत्सव
- झूलनोत्सव में कुछ जगहों पर दो सप्ताह, तो कुछ जगह 1 महीने तक चलता है।
- राम मंदिर में झूलनोत्सव श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से प्रारंभ होता है। इस दिन विशेष श्रृंगार के बाद ठाकुर जी झूले पर विराजमान होते हैं।
- इस बार श्रावण मास 22 जुलाई से शुरू होगा, लेकिन शुक्ल पक्ष 5 अगस्त से शुरू होगा। पंचमी तिथि 9 अगस्त को है।
- अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में बाल रूप में विराजित रामलला को चांदी के झूले में झुलाया जाएगा।
- रामलला के लिए 21 किलो चांदी के पांच फीट ऊंचे झूले का निर्माण कराया था।
अपनाई जाएगी पुरानी परंपरा?
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि अभी तक पंचमी के दिन से ही रामलला को झूला झुलाया जाता आ रहा है। ट्रस्ट जल्द ही तय करेगा कि नए मंदिर में भी वही परंपरा अपनाई जाएगी या कोई बदलाव होगा।
गर्भगृह के पुजारी आचार्य प्रेमचंद त्रिपाठी का कहना है कि पहला झूलनोत्सव बेहद आकर्षक तरीके से मनाया जाएगा।
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