Sunday Holiday: आजादी से पहले अंग्रेज रविवार को जाते थे चर्च, भारतीय सातों दिन करते थे काम, फिर ऐसे हुई संडे छुट्टी की शुरुआत
भारत में संडे की छुट्टी की परंपरा अंग्रेजों के समय से चली आ रही है। इसके लिए मजदूरों के नेता नारायण मेघाजी लोखंडे को लंबा संघर्ष भी करना पड़ा था। इसके बाद ब्रिटिश हुकूमत को उनके आगे झुकना पड़ा और भारत में रविवार को छुट्टी दी जाने लगी।
HIGHLIGHTS
- 10 जून 1890 को घोषित हुई रविवार की छुट्टी
- मजूदरों को सातों दिन करना पड़ता था काम
- नारायण मेघाजी लोखंडे ने 7 साल किया संघर्ष
Sunday Holiday डिजिटल डेस्क, इंदौर। सप्ताह के पूरे 6 दिन काम करने के बाद जहां कामकाजी लोगों को संडे का इंतजार रहता है, वहीं बच्चे भी इस दिन को लेकर उत्सुक रहते हैं। संडे ही ऐसा दिन है जब सभी स्कूल-कॉलेज और कार्यालय बंद रहते हैं। क्या आप जानते हैं, सप्ताह के सभी दिनों को छोड़कर सिर्फ रविवार को का दिन ही छुट्टी के लिए क्यों चुना गया, इसका कारण आपको यहां बताते हैं।
भारत में रविवार को छुट्टी की परंपरा ब्रिटिश काल से ही चली आ रही है। ये वो दौर था, जब भारत में छुट्टी को लेकर कोई प्रावधान नहीं था। तब मिल में मजदूर सप्ताह के सभी 7 दिनों तक काम करते थे, जबकि अंग्रेज रविवार को चर्च जाया करते थे, लिहाजा यह दिन उनके आराम के लिए होता था