Fastag News: हो जाइए सावधान, कहीं आपका फास्टैग किसी अन्य गाड़ी में तो नहीं चल रहा, जानिए पूरा मामला
इन दिनों टोल टैक्स में शुल्क फास्टैग (Fastag) के ही माध्यम से लिए जाते हैं और हर चार पहिया गाड़ी व भारी वाहनों के लिए फास्टैग लगाना अनिवार्य हो गया है। हम आपको बता रहे हैं कि फास्टैग वाली गाड़ियों के संचालकों को सावधान रहना चाहिए कि कहीं उनकी गाड़ी के नंबर से फास्टैग का उपयोग कोई दूसरी गाड़ी तो नहीं कर रही है।
रायपुर। इन दिनों टोल टैक्स में शुल्क फास्टैग (Fastag) के ही माध्यम से लिए जाते हैं और हर चार पहिया गाड़ी व भारी वाहनों के लिए फास्टैग लगाना अनिवार्य हो गया है। अपने इस समाचार में हम आपको बता रहे है कि फास्टैग वाली गाड़ियों के संचालकों को सावधान रहना चाहिए कि कहीं उनकी गाड़ी के नंबर से फास्टैग का उपयोग कोई दूसरी गाड़ी तो नहीं कर रही है। ऐसा ही एक मामला रायपुर में सामने आया है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 28 मई को बैंक आफ बड़ौदा द्वारा सूचित किया गया कि उनकी गाड़ी में दो फास्टैग लगे हुए है और एक फास्टैग बंद किया जा रहा है। ब्रांच से इस बारे में पता करने पर मालूम हुआ कि हमारी गाड़ी के नंबर से एसबीआइ का भी फास्टैग किसी अन्य गाड़ी में लगा हुआ है।
जब इस बारे में एसबीआइ से जानकारी ली गई तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया और टोलफ्री नंबर में शिकायत करने के लिए कहा गया। बैंक को कई बार ईमेल व शिकायत के बाद भी कोई सही जवाब नहीं मिली, बाद में पता करने पर मालूम हुआ कि उनका फास्टैग रायपुर निवासी लक्ष्मीकांत साहू के नाम पर दर्ज है, जिसमें गाड़ी का नंबर सीजी04एनडी4777 है।
यह फास्टैग उन्होंने एसबीआइ के एजेंट मयंक तिवारी से उन्होंने 9 दिसंबर 2020 को ली है। लक्ष्मीकांत साहू की गाड़ी का सही नंबर सीजी04एनडी4447 है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में एसबीआइ की घोर लापरवाही दिखाई दे रही है। बैंकों द्वारा अपना टारगेट पूरा करने एजेंटों के माध्यम से फास्टैग या अन्य उत्पादों की बिक्री तो की जा रही है, लेकिन इस प्रकार की लापरवाही न हो, इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता।