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Abroad Study: विदेश में पढ़ाई के लिए अमेरिका, यूके के साथ अब ये देश बने भारतीय छात्रों की पहली पसंद

HIGHLIGHTS

  1. अमेरिका, यूके के साथ आस्ट्रेलिया, जर्मनी एब्राड एजुकेशन की लिए पहली पंसद
  2. मैनेजमेंट, बिजनेस, एआइ आदि की पढ़ाई के लिए विदेश में पढ़ाई शहर के छात्रों की पसंद

रायपुर। Abroad Study: गर्मी की छट्टियां समाप्त होने वाली है। कालेज और विश्वविद्यालय में जल्द प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। शहर के कुछ स्टूडेंट देश के टाप कालेज-यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए तैयारी कर रहे हैं तो कई छात्र विदेश के टाप यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए जानकारी ले रहे हैं।

शहर में फारेन एजुेशन विशेषज्ञ शुभाष अग्रवाल ने बताया कि विदेश में पढ़ाई के लिए सितंबर इंटेक प्रोसेस में हिस्सा लेने के लिए जानकारी ले रहे हैं। इसमें कई नए देशों को भी अपनी पहली पसंद के तौर पर शामिल किया है। पहले एब्राड एजुकेशन के लिए अमेरिका, यूके जैसे देश को पंसद करते थे, लेकिन अब आयरलैंड, आस्ट्रेलिया, जर्मनी जैसे देश भी उनके पसंदीदा बन रहे हैं। इसका कारण यहां स्कालरशिप और करियर विकल्प और नौकरी के कई विकल्प मिल जाते हैं। इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, बिजनेस, एआइ आदि विषयों की पढ़ाई के लिए शहर के छात्र विदेश के यूनिवर्सिटी को प्राथमिका दे रहे हैं।

स्कालरशिप के साथ नौकरी के लिए है विकल्प

शहर के एक एब्राड एजुकेशन कंसल्टेंसी के मो. रफीक ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित हो जाने के बाद 12वीं के छात्र कालेज में एडमिशन के लिए तैयारी शुरू कर देते हैं। अनुमान के अनुसार राजधानी के 3 से 7 हजार स्टूडेंट एब्राड स्टडी के लिए अप्लाई करते हैं, लेकिन 100 से 200 तक ही विदेश में जाकर पढ़ाई करते हैं। इनमें स्नातक और स्नाकोत्तर और शोधार्थी है।

पहले छात्र और शोधार्थी अमेरिका और यूके जैसे देशों को पसंद करते थे। लेकिन अब आयरलैंड, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, दक्षिण कोरिया भी उनके पसंदीदा देश बन रहे हैं। वहीं, कुछ ने यूके और कनाडा की यूनिवर्सिटी के लिए भी रुचि दिखाई है। एडवांस टेक्नोलॉजी, रिसर्च, रोबोटिक्स, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, बायोटेक्नोलाजी जैसी फील्ड में अच्छा स्कोप होने, बजट फ्रेंडली एजुकेशन के कारण स्टूडेंट्स इन देश में पढ़ना पसंद कर रहे हैं।

विदेश में पढ़ाई के इन यह टेस्ट दिलाए

 रायपुर डेयरी कालेज से डेयरी टेक्नोलाजी में स्नातक की पढ़ाई करने बाद हर्ष साहू जर्मनी में स्नाकोत्तर करने के बाद वहीं शोध कर रहे हैं। हर्ष साहू ने बताया कि विदेश में पढ़ाने के लिए इंग्लिश में अच्छी पकड़ सबसे जरूरी है। इसलिए आपको एक इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट पास करना जरूरी होता है। फारेन यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए जीआरई, जीएमएटी, एसएटी, एसीटी, टीओईएफएल और आइईएलटीएस टेस्ट में अच्छा स्कोर कर विदेश के यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल सकता है।

एकेडमिक रिकार्ड अच्छा होना चाहिए

कोमल प्रसाद गुप्ता अमेरिका में बीटेक करने के बाद वहीं एक निजी संस्थान में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्व की टाप यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए हर साल लाखों एप्लीकेशन आती हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से बच्चों के लिए सैट (एसएटी) एंट्रेंस एग्जाम कराया जाता है जो कि एडमिशन लेने के लिए देना होता है। अगर आप इसमें अच्छा स्कोर करते हैं तो आपको एडमिशन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। अच्छी यूनिवर्सिटी में जाने के लिए आपका एकेडमिक अच्छा होना चाहिए। 9वीं से 12वीं क्लास तक के 4 वर्ष आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं आपको इनमें अच्छा से अच्छा प्रदर्शन करना होता है।

रहने-खाने और पढ़ने का औसत खर्च

जर्मनी – 15-20 लाख रुपये तक

दक्षिण कोरिया – 20 से 25 लाख रुपये

यूके – 30 से 35 लाख रुपये

आस्ट्रेलिया – 40 से 45 लाख रुपये

कनाडा -40 से 45 लाख रुपये

नोट: यह आकड़ा शहर के अलग-अलग एब्राड एजुकेशन कंसल्टेंसी के अनुसार है, कोर्स के हिसाब से यह खर्च घट और बढ़ सकता है।

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