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बलौदाबाजार में उग्र प्रदर्शनकारियों से जान बचाकर भागे पुलिसकर्मी, किचन के रास्ते से बाहर निकाले गए कलेक्ट्रेट के कर्मचारी

Baloda Bazar Violence Update: कलेक्ट्रेट परिसर के दाहिने हिस्से में स्थित एसपी कार्यालय को आग लगा दी। दर्जनों चारपहिया और सैकड़ों दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया, इस दौरान पुलिसकर्मी खुद की जान बचाकर कार्यालयों में छिपे रहे।

HIGHLIGHTS

  1. दमकल की दो गाड़ियां समेत कई वाहन फूंके।
  2. कलेक्ट्रेट में आगजनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जले।
  3. जैतखाम तोड़ने पर बवाल, प्रदर्शनकारी हुए बेकाबू

Baloda Bazar Violence Update: बलौदाबाजार। छत्‍तीसगढ़ के बलौदाबाजार के दहशरा मैदान से हजारों प्रदर्शनकारी दोपहर ढाई बजे कलेक्ट्रेट घेराव के लिए निकले थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर से दो सौ मीटर पहले बेरिकेड्स लगाए गए थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस जवान मौजूद थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झूमाझटकी हुई और बेरिकेड्स तोड़कर वे कलेक्ट्रेट परिसर पहुंच गए। इस दौरान भीड़ उग्र हो गई और गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी।

कलेक्ट्रेट परिसर के दाहिने हिस्से में स्थित एसपी कार्यालय को आग लगा दी। दर्जनों चारपहिया और सैकड़ों दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया, इस दौरान पुलिसकर्मी खुद की जान बचाकर कार्यालयों में छिपे रहे।
 
 

प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर पुलिसकर्मी जान बचाकर भागे

बताया जा रहा है कि भीड़ उग्र हो रही थी, लेकिन लाठीचार्ज के आदेश नहीं मिले। इसके चलते पुलिसकर्मियों को वहां से भागना पड़ा। प्रदर्शनकारी इमारतों पर चढ़ गए और जमकर उत्पात मचाया। आगजनी की खबर पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची तो दमकल वाहनों में भी हमला बोल दिया।

इस दौरान दमकल गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। घटना के बाद भीड़ वहां से भाग निकली। इसके बाद पुलिस ने आसपास के इलाके में बैरिकेडिंग कर दी है। किसी को भी घटना स्थल की ओर जाने नहीं दिया जा रहा था।

किचन के रास्ते से बाहर निकाले गए कलेक्ट्रेट के कर्मचारी

बताया जा रहा है कि सोमवार को आफिस पहुंचे कलेक्टर कार्यालय के डेढ़ सौ से अधिक कर्मचारी इस प्रदर्शन में फंस गए थे। इसके अलावा 50 से अधिक आम आदमी भी फंसे हुए थे, जो अपने अपने काम से कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। इन्हें कलेक्ट्रेट में मौजूद किचन के रास्ते पुलिस फोर्स द्वारा किसी तरह बाहर निकाल कर कलेक्ट्रेट से दूर एक मैदान तक सुरक्षित पहुंचाया गया।

आगजनी से कई विभागों के दस्तावेज जलकर हुए राख

आगजनी से कलेक्टर कार्यालय में आग लगने से कई विभागों के दस्तावेज भी जलकर राख हो गए। वहीं एसपी कार्यालय में आगजनी से भारी नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार आधा दर्जन से ज्यादा कारें, बाइक भी जल गए हैं। इनमें सरकारी वाहन भी शामिल हैं। वहीं कुछ आम लोगों की गाड़ियां भी हैं, जो अपने काम के सिलसिले में कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।

बिलाईगढ़ विधायक ने की थी अपील, सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं

इंटरनेट मीडिया में बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे का एक वीडियो प्रसारित हो रहा है। इसमें वे कहती नजर आ रही हैं कि सार्वजनिक संपत्ति हो या किसी की निजी संपत्ति किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाना है। हमारे समाज की लड़ाई है, न्याय के लिए हम एकजुट होकर लड़ रहे हैं, हमें न्याय मिलकर रहेगी। किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना है।

कलेक्टर एसपी ने ली थी शांति समिति की बैठक

तीन दिन पहले ही बलौदाबाजार कलेक्टर केएल चौहान और एसएसपी सदानंद कुमार ने शांति समिति की बैठक ली थी। इसमें सभी समाज के लोग और प्रमुख शामिल हुए थे। कलेक्टर ने सभी समाज प्रमुखों से शांति और सौहाद्र बनाए रखने की अपील की थी।

साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया था कि इस पूरे मामले की मजिस्ट्रिलयल जांच कराई जाएगी। लोगों ने मजिस्ट्रियल जांच पर सहमति भी दी थी। इसके बावजूद सोमवार को सतनामी समाज के लोग सीबीआइ जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया और जमकर उत्पात मचाया।

नारायणपुर में भी एसपी सदानंद कुमार भीड़ आंकने में हो गए थे फेल

यह पहला मौका नहीं है जब बलौदाबाजार एसएसपी सदानंद कुमार ला एंड ऑर्डर कंट्रोल करने में नाकाम रहे हैं। उनका रिकार्ड बताता है कि इस तरह के मामले को वे गंभीरता से नहीं लेते। इससे पहले नारायणपुर में धर्मांतरण विवाद को संभालने में वे नाकाम रहे हैं।

पिछले साल जनवरी 2023 को धर्मांतरण को लेकर हुए विवाद में पत्थरबाजी और लाठी डंडे चले थे, जिसमें तात्कालीन एसपी सदानंद कुमार खुद घायल हो गए थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बस्तर आईजी सुंदरराज पी मौके पर पहुंचे। सभी को समझाइश दी। बस्तर आईजी पी सुंदरराज, 16 वी वाहिनी कमांडेंट जितेंद्र शुक्ल, कोंडागांव एसपी दिव्यांग पटेल और नारायणपुर कलेक्टर अजित वसन्त ने मिलकर हालात संभाला और बस्तर में बड़ी घटना को बढ़ने से रोक दिया।

क्या है जैतखाम

बता दें कि जैतखाम छत्तीसगढ़ की बोली भाषा का शब्द है। जैत यानी जय और खाम यानी खंभा, जैतखाम मूलरूप से सतनामी पंथ के ध्वज का नाम है जो उनके संप्रदाय का प्रतीक है। आमतौर पर सतनाम समुदाय के लोग मोहल्ले या गांव में किसी चबूतरे या प्रमुख स्थल पर खंभे में सफेद झंडा लगाते हैं। छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा जैतखाम गिरौधपुरी में है। इसकी ऊंचाई 77 मीटर है यह कुतुब मीनार से भी ऊंचा हैं।

जानिए 15 मई से लेकर 10 जून तक क्या-क्या हुआ

15 मई : सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब पांच किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात अज्ञात लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।

16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

17 मई : सामाजिक लोगों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर किया।

19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्काजाम किया था।

19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में तोड़फोड़ कर दी।

20 मई : समाज के लोगों की बैठक बुलाई, जिसमें कहा गया कि जिन लोगों को पुलिस आरोपित बता रही है, वे असली दोषी नहीं है। मुख्य दोषी लोगों को पकड़ने की मांग को लेकर आंदोलन की रूप रेखा बनाई।

 

21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।

आठ जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही इस पूरे मामले की जांच मजिस्ट्रियल जांच कराने की बात कही गई।

नौ जून: प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने की घोषणा की।

नौ जून : इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।

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