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Pitra Dosh Upay: पितरों की कृपा पाने के लिए हर शाम करें यह कार्य, बनी रहेगी खुशहाली

अगर पितर प्रसन्न हो, तो परिवार में खुशहाली बनी रहती है। अगर आप भी पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इन उपायों को जरूर अपनाएं।

HIGHLIGHTS

  1. पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए।
  2. पितृ दोष के कारण आती है कई तरह की परेशानियां।
  3. श्राद्ध, पिंडदान आदि कार्य करना बहुत शुभ होता है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Pitra Dosh Upay: जिस घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती हैं, वहां पितरों की कृपा होती है। अगर व्यक्ति को पितृ दोष है, तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साथ ही पितरों की नाराजगी भी झेलनी पड़ती है। वहीं, अगर पितर प्रसन्न हो, तो परिवार में खुशहाली बनी रहती है। अगर आप भी पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इन उपायों को जरूर अपनाएं।

पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं

पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए। माना जाता है कि पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है। कहा जाता है कि पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। पेड़ के नीचे दीपक में सरसों का तेल और काले तिल मिलाकर छाया दान भी करें।

दक्षिण दिशा में जलाएं दीपक

पितृ दोष को खत्म करने के लिए जल में काले तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अर्घ्य दें। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, श्राद्ध, पिंडदान आदि करना बहुत शुभ होता है। अमावस्या और पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए यह कार्य किए जाते हैं।

पितर होंगे प्रसन्न

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन शाम को आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें। फिर एक मिट्टी के दीपक में थोड़ा सा तेल डालकर बत्ती जलाएं और उसे छत पर दक्षिण दिशा में रख दें। पितरों से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। गाय के गोबर से बने दीये का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पितर प्रसन्न होते हैं।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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