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सुरों में साक्षात सरस्वती, पैरों में है गजब का जादू

पुणे में आयोजित अखिल भारतीय नृत्य, कला, संगीत एवं गायन प्रतिस्पर्धा भारत उत्सव 2024 में इधिका ने नृत्य के साथ ही सुरों से भी जलवा बिखेरी। अखिल लोककला कल्चरल आर्गेनाइजेशन पुणे अंतरराष्ट्रीय नृत्य काउंसिल पेरिस से मर्यादित का बीते दिनों प्रतियोगिता का आयोजन किया था।

बिलासपुर। संगीत और नृत्य की साधना यूं ही नहीं हो जाती। इसके लिए कठोर परिश्रम की जरूरत होती है। परिश्रम के साथ ही दृढ़ इच्छशक्ति और मन में संकल्प भी जरूरी है। प्रबल इच्छा शक्ति, दृढ़ संकल्प और कुछ इसी अंदाज में लगन साथ रखकर इधिका नृत्य और गायन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। संगत भी ऐसी कि दिन प्रतिदिन कला में निखार भी आते जा रहा है। इसका प्रतिफल भी अब सामने आने लगा है। सात साल की इधिका अपनी कला का मंच के जरिए प्रदर्शन भी कर रही है। भारत उत्सव में उनकी कला और प्रतिभा का प्रदर्शन देखकर कला मनीषी और कलाकारों के मुंह से वाहवाही भी निकली। खुशी ऐसी कि पुरस्कारों से नवाज दिया। सात साल की इधिका दो साल की उम्र से ही गीत, संगीत और नृत्य की बारीकियां सीख रही है। गीत, संगीत और नृत्य के प्रति लगन ऐसी कि मंच में अपनी प्रस्तुतियां भी देने लगी है।

पुणे में आयोजित अखिल भारतीय नृत्य, कला, संगीत एवं गायन प्रतिस्पर्धा “भारत उत्सव 2024″ में इधिका ने नृत्य के साथ ही सुरों से भी जलवा बिखेरी। अखिल लोककला कल्चरल आर्गेनाइजेशन पुणे अंतरराष्ट्रीय नृत्य काउंसिल पेरिस से मर्यादित” का बीते दिनों प्रतियोगिता का आयोजन किया था। बिलासपुर की सात वर्षीय इधिका शर्मा पुत्री ऋचा पाहवा व सागर शर्मा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए गायन में प्रथम स्थान एवं भरतनाट्यम में तृतीय स्थान अर्जित किया। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के साथ ही स्कूल में स्नेह सम्मेलन के अलावा समय-समय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बराबर अपनी भागीदारी निभाती रही है। प्रदेश व देश स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता में इधिका मंच साझा करने लगी है। इधिका की मां ऋचा पाहवा बताती हैं कि इधिका साईं नृत्य निलयम संस्था की संचालिका श्वेता नायक से शास्त्री नृत्य का प्रशिक्षण ले रही है। इधिका ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता के अथक परिश्रम को और गुरुजनों के मार्गदर्शन को दिया है, जिन्होंने उसकी प्रतिभा को ना केवल पहचाना बल्कि निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी।

वैश्विक पटल पर निखरेगी छग की छवि

बिलासपुर में संगीत शिक्षा को लेकर इधिका के माता-पिता का मानना है कि प्रतिभाओं को मंच देने के लिए अभिभावकों के स्वयं के प्रयास के अतिरिक्त शासन के कला एवं सांस्कृतिक विभाग को भी अपनी व्यापक भूमिका निभानी होगी। इन छोटे-छोटे प्रयास से ही छत्तीसगढ़ भी अपनी छवि वैश्विक पटल पर स्थापित करने में सक्षम होगा और अभी छत्तीसगढ़ के दूर सुदूर इलाकों में गायन के क्षेत्र में विभिन्न प्रतिभाएं है, जो की शासन की मदद से नई ऊंचाई को छूते हुए प्रदेश एवं देश का नाम रौशन कर सकते हैं।

गायिकी में जवाब नहीं

नृत्य के साथ ही गायन के क्षेत्र में भी इधिका पारंगत हो रही है। गोविंद लीला कला केंद्र रायपुर के बैनर तले कलावंत राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इधिका शर्मा ने छत्तीसगढ़ गीत गाकर श्रोताओं के साथ ही जजों का मन मोह लिया था। शीर्षस्थ कलाकारों की मौजूदगी के बाद इधिका ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया था।

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