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Bhaum Pradosh Vrat 2024: इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत, नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इस बार प्रदोष व्रत 4 जून 2024 मंगलवार को रखा जाएगा। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

HIGHLIGHTS

  1. विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
  2. प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ भी करें।
  3. अगले दिन सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।

धर्म डेस्क, इंदौर। Bhaum Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है।

प्रदोष व्रत तिथि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 जून को दोपहर 12.18 बजे शुरू होगी। वहीं, यह तिथि 4 जून को रात 10:01 बजे समाप्त होगी। पंचांग के मुताबिक, इस बार प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

    • इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
    • इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
    • एक चौकी पर शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें।
    • अब मूर्ति को गंगा जल से अच्छी तरह साफ कर लें।
    • घी का दीपक जलाएं।
    • सफेद पुष्पों की माला अर्पित करें।
    • भगवान को चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं।
    • खीर, हलवा, फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं।
    • पूजा के दौरान प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ भी करें।
    • प्रदोष पूजा शाम के समय सबसे अधिक फलदायी मानी जाती है।
    • अगले दिन सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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