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Nautapa 2024: नौतपा में खास माना गया है तुलसी का पौधा, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं। ऐसी स्थिति में पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी नहीं हो पाती और तापमान काफी बढ़ जाता है।

HIGHLIGHTS

  1. शास्त्रों में नौतपा के दौरान पेड़ लगाने का अधिक महत्व बताया गया है।
  2. पेड़-पौधे लगाने से व्यक्ति को पुण्य फल मिलते हैं।
  3. घर में तुलसी का पौधा होने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Nautapa 2024: धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ माह में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो इस अवधि को नौतपा कहा जाता है। इस दौरान भीषण गर्मी देखने को मिलती है और सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं। ऐसी स्थिति में पृथ्वी पूरी तरह से ठंडी नहीं हो पाती और तापमान काफी बढ़ जाता है। इसलिए शास्त्रों में नौतपा के दौरान पेड़ लगाने का अधिक महत्व बताया गया है। पेड़-पौधे लगाने से व्यक्ति को पुण्य फल मिलते हैं।

इस दिन से शुरू होगा नौतपा

पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 25 मई को सुबह 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। यह 8 जून की दोपहर 1.16 बजे तक यहां रहेंगे। बाद में वह मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। ऐसे में नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगी।

नौतपा में लगाएं ये पेड़-पौधे

    • सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एक पवित्र और पूजनीय पौधा है। ऐसा माना जाता है कि घर में तुलसी का पौधा होने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। अपने घर में नौतपा के दौरान तुलसी का पौधा जरूर लगाएं।
    • आंवले के वृक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। इसलिए इस पेड़ और इसके फल को भगवान विष्णु को अर्पित किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति आंवले के पेड़ की छाया में बैठकर भोजन करता है, तो उसे सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिल जाती है।
    • धार्मिक मान्यता के मुताबिक, केले के पेड़ में श्रीहरि, माता लक्ष्मी और गुरुदेव बृहस्पति का वास होता है। इसलिए इस पेड़ का प्रयोग शुभ और मांगलिक कार्यों में किया जाता है।
    • धार्मिक मान्यता है कि केले के पेड़ में श्री हरि, मां लक्ष्मी और गुरुदेव बृहस्पति का वास होता है। ऐसे में इस पेड़ का प्रयोग शुभ और मांगलिक कार्यों में किया जाता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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