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CG News: भूपेश सरकार में चल रही कोयला लेवी घोटाले वाली व्यवस्था को CM साय ने किया बंद, परिवहन के लिए स्वीकृति आनलाइन शुरू

Chhattisgarh News: पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार में चल रही कोयला लेवी घोटाले वाली व्यवस्था को विष्णुदेव साय सरकार ने बंद कर दिया है। राज्य में अब कोयला सहित अन्य खनिजों के परिवहन के लिए आनलाइन ई-ट्रांजिट पास व्यवस्था की फिर से शुरुआत हुई है। By Ashish Kumar Gupta

HIGHLIGHTS

  1. कोयला घोटाले वाली व्यवस्था बंद अब परिवहन स्वीकृति आनलाइन l
  2. भूपेश सरकार में व्यवस्था को कर दिया गया था मैनुअल l
  3. ईडी ने 540 करोड़ के घोटाले का किया था राजफाश आनलाइन व्यवस्था से यह फायदा l

रायपुर। Chhattisgarh News: पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार में चल रही कोयला लेवी घोटाले वाली व्यवस्था को विष्णुदेव साय सरकार ने बंद कर दिया है। राज्य में अब कोयला सहित अन्य खनिजों के परिवहन के लिए आनलाइन ई-ट्रांजिट पास व्यवस्था की फिर से शुरुआत हुई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी दी।

 

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के अनुसार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान कोयला परिवहन में 540 करोड़ रुपये के घोटाले का राजफाश हुआ है। शासन की अनुमति के बिना ही भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग के तत्कालीन संचालक समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई को 2020 को आदेश जारी कर आनलाइन परमिट की प्रचलित व्यवस्था को ख़त्म कर आफलाइन कर दिया था।naidunia_image

इस प्रक्रिया के कारण भ्रष्टाचार और अवैध उगाही को बढ़ावा मिला था। ईडी ने मामले में जांच के बाद न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया है। संचालक बिश्नोई अभी जेल में है। कोल परिवहन में भ्रष्टाचार और अवैध उगाही करने के मामले में ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर राज्य के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने भी 30 व्यक्तियों के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज की थी।

 

कोल परिवहन की एनओसी और परमिट के लिए आनलाइन प्रक्रिया होने से व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी हो जाएगी। इसमें में किसी भी तरह के अवैध परिवहन व वसूली पर अंकुश लगेगा। न सिर्फ कोयला, बल्कि अन्य खनिजों में पारदर्शी व्यवस्था होने से सरकार के राजस्व में वृद्धि हो सकेगी।

प्रदेश में खनन गतिविधियों में आनलाइन सहित अन्य तकनीकी व्यवस्था का भी समावेश हो सकेगा। खनिज विशेषज्ञों के अनुसार राज्य सरकार का यह फैसला प्रदेश के लिए खनिज के माध्यम राजस्व के पारदर्शी स्रोत बढ़ाने और इसमें वृद्धि करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।naidunia_image

यह है पूरा मामला

ईडी के मुताबिक पूरा मामला जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच का है। कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपये कमीशन वसूलने का आरोप है। ये वूसली सिंडीकेट करता था, सिंडीकेट के लोगों के नाम पर ही एफआइआर हुई है।

एफआइआर में दर्ज नेताओं, अफसरों के सिंडिकेट ने 540 करोड़ रुपये की अवैध लेवी वसूल की है। जिसमें लगभग 296 करोड़ की अवैध लेवी के बंटवारे की जांच ईडी कर रही है। बाकी बचे 244 करोड़ की लेवी की भी जांच होनी है। ईओडब्ल्यू ने भी 40 से अधिक कारोबारियों के नामों को शार्ट लिस्ट किया है, जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी।

मंत्री, विधायक व आइएएस भी फंसे

कोयला घोटाले में कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री कवासी 
लखम, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, विधायक देवेंद्र यादव, 
पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव प्रसाद राय, यूडी मिंज, आइएएस समीर विश्नोई, आइएएस रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप 
सचिव सौम्या चौरसिया समेत 36 व्यक्तियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है। इनमें सौम्या चौरसिया, निलंबित आइएएस समीर बिश्नोई व रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, एसएस नाग और निखिल चंद्राकर जेल में बंद हैं।

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