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बिलासपुर रेलवे में तितलियों की है अनोखी दुनिया

तितली चौक भले ही रेलवे वर्कशाप के किसी कर्मचारी द्वारा कबाड़ को जोड़कर तितली की आकृति बना देने और इस चौक पर रख देने के बाद पड़ा है, लेकिन इस स्थान पर आरंभ से पीले रंग की खास तिललियों की दुनिया भी रही है।

HIGHLIGHTS

  1. सड़कों पर राहगीरों को करती हैं रोमांचित
  2. तितली चौक के नाम यह स्थान है प्रसिद्ध
  3. बटर फ्लाई जोन, खुशियों का अहसास

तितलियों का संसार। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर का इतिहास 100 साल पुराना है। राष्ट्रीय स्तर पर इस जोन की प्रसिद्धि है। सबसे खास बात यह कि इस रेलवे कालोनी में तितलियों की एक अनोखी दुनिया है। जो यात्रियों को रोमांचित करने के साथ अन्य राहगीरों को रंगीन मखमली अहसास भी कराती है।

जोनल स्टेशन से जीएम कार्यालय जाने वाले मार्ग पर तितली चौक है। यह कोई आम चौक नहीं है। इस जगह की बात ही निराली है। यहां कोई पल भर भी ठहर जाए तो उसका मन प्रफुल्लित हो उठता है। यूं कहें कि इस शानदार खूबसूरत तितलियों के बीच रंगीन दुनिया नजर आने लगती है। हरे-भरे पेड़-पौधे, बड़े-बड़े वृक्ष और पानी।

पर्यावरण की दृष्टि से यह स्थान तितलियों का संसार है। रेलवे के 75 वर्षीय सेवानिवृत्त कर्मचारी पीवी राजू का कहना है कि बिलासपुर में उन्हें रहते 50 साल से अधिक हो गए। तितली चौक भले ही रेलवे वर्कशाप के किसी कर्मचारी द्वारा कबाड़ को जोड़कर तितली की आकृति बना देने और इस चौक पर रख देने के बाद पड़ा है, लेकिन इस स्थान पर आरंभ से पीले रंग की खास तिललियों की दुनिया भी रही है। हमेशा बड़ी संख्या में उड़ते नजर आते हैं। मन को बहुत सुकून देता है। तापमान की दृष्टि से भी यह स्थान अलग है। शहर व रेलवे कालोनी के तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस का अंतर बना रहता है। ठंडक व नमी महसूस होने के साथ यह प्रदूषण मुक्त स्थान है। इसलिए तितलियों का पसंदीदा स्थान माना जाता है।

तितलियों की विशेष होस्ट ट्री: डा. अजय

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के फारेस्ट्री विभाग में तितलियों पर शोध कर रहे विशेषज्ञ डा.अजय सिंह का कहना है कि तितलियां हमेशा विशेष पर्यावरणीय स्थान पर ही रहती हैं। आसपास वातावरण अनुकूल होने पर अपना रहवास चुनती हैं। रेलवे कालोनी के उस स्थान पर हमने विजिट किया है, यहां उनका होस्ट ट्री है। यह काफी पुराना भी हो सकता है। जो भी यह एक सुखद और अच्छा संकेत हैं। तितलियां हर पेड़ पौधों पर अपने अंडे नहीं देतीं। परागण के लिए खास पौधों या वृक्ष के पत्तों को चुनती हैं।

बटर फ्लाई जोन, खुशियों का अहसास

जिला शिक्षा विभाग के एमआइएस प्रशासक अखिलेश मेहता रेलवे कालोनी में विगत 35 वर्षों से प्रतिदिन मार्निंग वाक पर निकलते हैं। तितलियों के झुंड को देख इनका मन खुशी से भर जाता है। वे कहते हैं कि हर दिन एक नई खुशियों का अहसास कराते हैं। तितलियों का पर्यावरण में होना शुभ सूचक है। रेलवे को तितलियां भी इसे बटर फ्लाई जोन के रूप में देखती है। तभी तो सब इसे देखने भी पहुंचते हैं।

 
 

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