चुनावी वर्ष में कर्जमाफी की आस में कृषि ऋण लेने छत्‍तीसगढ़ के किसानों में मची होड़

रायपुर: चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ में कर्ज माफी की आस में कृषि ऋण लेने को किसानों में होड़ मच गई है। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था जिसे सत्ता में आने पर निभाया है। अभी कर्नाटक में किसानों का प्रति एकड़ तीन लाख रुपये तक कर्ज माफ किया जा रहा है। इसे देखते हुए किसानों को आशा है कि चुनाव में कांग्रेस जीती को कर्ज माफ हो जाएगा। इसी आस में किसानों ने पिछले वर्ष की तुलना में करीब एक हजार करोड़ अधिक कर्ज उठा लिया है।

अब तक 13 लाख से ज्यादा किसानों ने उठाया 5785.65 करोड़ का ऋण

इस खरीफ सीजन 2023 के लिए राज्य सरकार 6100 करोड़ रुपये कृषि ऋण के रूप में किसानों को उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा है। इसके मुकाबले 30 जुलाई की स्थिति में 5785.65 करोड़ का ऋण 13 लाख 16 हजार 184 किसानों ने ले लिया है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 95 प्रतिशत है। खरीफ सीजन 2022 में राज्य के किसानों को इसी अवधि में 4689.48 करोड़ रुपये का ऋण 11 लाख 66 हजार 242 किसानों को वितरित किया गया था।

बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा लिए ऋण

प्रदेश के 33 में से 12 जिलों में लक्ष्य से अधिक ऋण वितरित हो चुका है। सबसे अधिक बस्तर संभाग के छह जिले हैं। राज्य में लगभग 37.46 लाख कृषक परिवार है, जिसमें से लगभग 80 प्रतिशत लघु और सीमांत श्रेणी के है। बाकी 20 प्रतिशत दीर्घ श्रेणी वाले किसान हैं।अधिकारियों के मुताबिक ऋण लेने वाले किसानों में करीब 80 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान हैं।

कर्जा माफी को लेकर किसानों की ये राय

पाटन के गांव झीट के किसान प्रभाशंकर का कहना है कि इस बार भी कर्जा माफी होगा इस उम्मीद से तीन लाख ऋण लिया हूं। मैं 20 बीघा जमीन में खेती करता हूं। पाटन के ही किसान लोमेश कुमार ने कहा कि मैंने भी ऋण ली है, माफ हो या न हो पर उम्मीद तो है। कुम्हारी स्थित कुकदा गांव के किसान टेकेंद्र चंद्राकर ने कहा कि किसान उम्मीद करता है मगर मुझे नहीं लगता कि इस बार माफ किया जाएगा।

इसलिए किसानों को उम्मीद

2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही किसानों की कर्ज माफ़ी थी। सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंकों से कर्जा उठाने वाले करीब 17 लाख 82 हजार किसानों का 9270 करोड़ का कर्ज माफ किया गया था।

धान खरीदी का भी टूटा रिकार्ड

राज्य में 24.98 लाख पंजीकृत किसानों के 32.19 लाख हेक्टेयर रकबा को देखते हुए पिछले वर्ष 110 लाख टन धान खरीदी का अनुमान था और 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने धान 2640 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर बेचा है। सरकार ने 107 लाख 51 हजार 858 टन धान की खरीदी कर नया रिकार्ड कायम कर बीते साल 98 लाख टन धान खरीदी के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया है। इस वर्ष राज्य सरकार ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने के साथ 125 लाख टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है।

छत्तीसगढ़ सहकारिता विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता ने कहा, जिन जिलों में लक्ष्य से अधिक मांग है वहां लक्ष्य को बढ़ाने का विचार किया जा सकता है। यह बात सही है कि इस बार हमारा लक्ष्य पहले ही पूरा हो गया।

इन जिलों में लक्ष्य से ज्यादा उठाया ऋण

जिला लक्ष्य का प्रतिशत

बलौदाबाजार 101.82

बालोद 100.39

राजनांदगांव 106.93

कबीरधाम 109.61

कोंडागांव 116.62

नारायणपुर 105.32

कांकेर 111.25

दंतेवाड़ा 103.98

सुकमा 109.58

बीजापुर 107.41

कोरबा 105.24

जशपुर 118.43

पिछले चार वर्षों में लक्ष्य के मुकाबले इतने किसानों को मिला ऋण

वर्ष लक्ष्य राशि पूर्ति राशि किसानों की संख्या

2018-19 3600 3287.55 9,94,245

2019-20 4000 3981.45 11,34,219

2020-21 4600 4495.39 12,65,910

2021-22 5300 4747.77 12,99,681

( लक्ष्य राशि – करोड़ रुपये में )

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button