कोरोना के नए वैरिएंट XE को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) आमने-सामने, जानिए क्या हैं WHO के टिप्स

मुंबई में कोरोना के नए वैरिएंट XE को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) आमने-सामने है. मुंबई में XE वैरिएंट की पुष्टि के कुछ ही घंटे बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वायरस की बात का खंडन कर दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मरीज के नमूने की जीनोम सिक्वेंसिंग से XE वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है.

वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बीएमसी के अलग अलग दावों के बीच नमूनों की फिर से जांच की जाने की बात हो रही है. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय अनुसंधान निकाय INSACOG के अधिकारियों का इस बारे में कहना है कि, सैंपल की फिर से जांच होनी चाहिए. बता दें, बीएमसी ने दावा किया है कि मुंबई की रहने वाली एक महिला में कोरोना का नया सब वेरिएंट XE की पुष्टि हुई है.

गौरतलब है कि जिस विदेशी महिला में कोरोना के XE सब वेरिएंट होने की बात कही जा रही है, वो महिला पूरी तरह रिकवर कर अपने घर लौट गई है. महिला ने टीके की दोनों डोज भी ली हुई है. उस महिला में कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले हैं. बीएमसी ने अपने सीरो सर्वे की रिपोर्ट में XE वैरिएंट से संक्रमित होने की बात कही थी.

बता दें, कोरोना का नया वेरिएंट XE ओमिक्रोन के मूल वैरिएंट BA.1 और सब वैरिएंट BA.2 से मिलकर बना एक हाइब्रिड वैरिएंट है. फिलहाल, यह दुनिया भर में सिर्फ कुछ ही मामलों के लिए जिम्मेदार है. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन के XE वेरिएंट का पहला मामला 19 जनवरी, 2022 को ब्रिटेन में मिला था. तब से अब तक इस वैरिएंट के 637 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं. इसके अलावा यह वैरिएंट फ्रांस, डेनमार्क और बेल्जियम में भी मिला है.

XE वैरिएंट में BA.2 से तेज फैलने की क्षमता

शुरुआती संकेतों के अनुसार, इस वेरिएंट में BA.2 की तुलना में 10 प्रतिशत तेजी से फैलने की क्षमता है. हालांकि, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इसके बारे में और अधिक अध्ययन की जरूरत है. जब तक इसकी गंभीरता और प्रसार आदि के बारे में सही जानकारी नहीं मिल जाती, तब तक इसे ओमिक्रोन वैरिएंट का हिस्सा नहीं माना जायेगा.

वायरस से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ के टिप्स

सर्विलांस, लैबोरेट्रीज व पब्लिक हेल्थ इंटेलिजेंस बढ़ाएं.
टीकाकरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपाय को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाएं.
कोरोना के लिए नैदानिक देखभाल स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाएं.
अनुसंधान और विकास पर जोर देना, स्वास्थ्य उपकरण और आपूर्ति बढ़ाएं.
एक इमरजेंसी मोड से लॉन्ग टर्म रेस्पीरेटरी डिजीज मैनेजमेंट के लिए रिस्पांस ट्रांजिशन के रूप में कॉर्डिनेशन.

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