गुड न्यूज: बिहार में 43 हजार नए शिक्षकों की 25 से पहले होगी नियुक्ति
बिहार के प्रारंभिक स्कूलों में 94 हजार शिक्षक पदों पर अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों को उनके शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) और सेंट्रल शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) के प्रमाण पत्रों के आधार पर ही नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने मन बना लिया है और इस प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री की मुहर लगते ही सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को टेट-सीटेट की जांच में सही पाए गए अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी है। नियुक्ति पत्र 25 फरवरी से पहले ही दिया जाएगा। सोमवार को शिक्षा सचिव और प्राथमिक निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी डीईओ के साथ हुई बैठक में इसकी पूरी तैयारी रखने का निर्देश दिया है।
सोमवार की समीक्षा बैठक अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होनी थी और इसके लिए प्राथमिक निदेशक ने पांच एजेंडा तय किया था, जिसमें शीर्ष पर 43 हजार चयनितों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन ही था। मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपर मुख्य सचिव के होने के कारण सचिव असंगबा चुबा आओ की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। सभी जिलों को 12 फरवरी तक चयनितों के टेट-सीटेट प्रमाण पत्रों की जांच पूरी करनी थी और रिपोर्ट मुख्यालय को देनी थी। 43 हजार में से 95 फीसदी की पात्रता की जांच पूर्ण हो चुकी है।
जिन 5 फीसदी की बची है, उन्हें भी जल्द सत्यापन का निर्देश दिया गया है। इस प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पत्र बांटे जाने पर शिक्षा मंत्री मंगलवार को निर्णय ले सकते हैं। इसके साथ ही 14 मार्च से होने वाली विशेष चक्र की तैयारी को लेकर गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिलों के डीईओ को 1 मार्च तक मेधा सूची अनुमोदित कराने का निर्देश दिया गया है। बैठक में 43 हजार चयनितों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की असंतोषजनक स्थिति सामने आई। नियुक्ति के बाद इसकी जांच के लिए कुछ और समय दिया जाएगा। संभव है कि शिक्षा विभाग यह जांच अपने हाथ में ले ले और मुख्यालय स्तर से ही देशभर के राज्यों से संबंधित डिग्रियों की जांच कराई जाए। सभी डीईओ को यह भी निर्देश दिया गया कि फर्जी प्रमाण पत्र वाले एक भी अभ्यर्थी की नियुक्ति नहीं होगी।