बैकफुट पर आये इमरान खान, कहा- मैं भारत या अमेरिका विरोधी नहीं, विपक्ष को लेकर दिया ये बयान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने बयान से पलटते हुए दावा किया कि वह भारत विरोधी या अमेरिका विरोध नहीं हैं. उन्होंने साफ किया कि वो किसी भी अन्य देश के खिलाफ नहीं हैं. वो सभी देशों के साथ आपसी सम्मान और अच्छे संबंध के हिमायती है.
पाकिस्तान में सियासी घमासान चरम पर है. राजनीतिक उठापटक के बीच डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जिसके बाद विपक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुका है. सुप्रीम कोर्ट फिलहाल डिप्टी स्पीकर के फैसले को चेक कर रहा है. इन सबके बीच पाकिस्तानी सेना ने प्रधानमंत्री इमरान खान के अमेरिकी साजिश वाले दावे की पोल खोल दी है. सेना ने साफ कर दिया कि, पाकिस्तान में इमरान खान सरकार को गिराने में अमेरिका के शामिल होने या किसी भी प्रकार के धमकी के कोई सबूत नहीं हैं.
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने बीते 27 मार्च को एक बयान दिया था, जिसमें सेना ने साफ कर दिया था कि उन्हें अमेरिकी हस्तक्षेप के कोई सबूत नहीं मिले हैं. बता दें, पीएम इमरान ने एक सभा में दावा किया था कि, अमेरिका पाकिस्तान में सत्ता में बदलाव की साजिश रच रहा है.
मैं भारत या अमेरिका विरोधी नहीं: इधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अपने बयान से पलटते हुए दावा किया कि वह भारत विरोधी या अमेरिका विरोध नहीं हैं. उन्होंने साफ किया कि वो किसी भी अन्य देश के खिलाफ नहीं हैं. वो सभी देशों के साथ आपसी सम्मान और अच्छे संबंध के हिमायती है. उन्होंने कहा कि, हम नीतियों के खिलाफ हो सकते हैं. मैं उनसे दोस्ती चाहता हूं और सम्मान की भावना होनी चाहिए.
विपक्ष पर लगाया यह आरोप: पीएम इमरान खान ने जन संवाद नाम कार्यक्रम में कहा कि नेशनल असेंबली भंग होने के बाद चुनाव की तैयारी करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना साबित करता है कि, संयुक्त विपक्ष चुनाव से डर गई है. वो जनता के फैसले से खौफ खा रही है.
गौरतलब है कि, नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. उसके बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने खान की सिफारिश पर निचले सदन को भंग कर दिया था. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग करने के मामले में सुनवाई सोमवार को एक दिन के लिए स्थगित कर दी थी.