Chhattisgarh Lok Sabha Chunav: जनाधार के मोर्चे पर भूपेश बघेल की दूसरी अग्नि परीक्षा, भाजपा को अपना गढ़ बचाने की चुनौती
रायपुरl Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट पर इस बार रोचक मुकाबला होने वाला है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेश बघेल स्वयं चुनावी मैदान में हैं। जबकि भाजपा की ओर से मौजूदा सांसद संतोष पांडेय दोबारा जोर आजमाइश कर रहे हैं। भूपेश विधानसभा चुनाव में पाटन विधानसभा सीट से अपनी विधायकी बचाने में तो कामयाब रहे हैं पर अपनी सरकार नहीं बचा पाए हैं।
अब एक बार फिर उनकी साख दांव पर लगी हुई है। कांग्रेस ने भूपेश को मैदान में इसलिए उतारा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सीट का ग्राफ बढ़ाया जा सके। यह सीट भाजपा के लिए भी अहम है क्योंकि भाजपा नेता व छत्तीसगढ़ में तीन बार मुख्यमंत्री रहे डा. रमन सिंह भी इसी क्षेत्र से विधायक हैं। हालांकि रमन वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते सक्रिय राजनीति में प्रत्यक्ष सहभागी नहीं बन रहे हैं मगर उनकी भी साख लगी हुई है।
1999 से अब तक केवल एक उप चुनाव जीती कांग्रेस
राजनांदगांव की राह कांग्रेस के लिए अधिक मुश्किल रहने वाली है क्योंकि 1999 से अब तक हुए चुनावों में एक उप चुनाव के अलावा कांग्रेस अन्य चुनाव नहीं जीत पाई है। 1999 के चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह चुनाव जीते थे। इसके बाद 2004 में भी भाजपा के प्रदीप गांधी चुनाव जीते थे, हालांकि 2007 के उप चुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह ने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने में सफलता हासिल की थी। इसके बाद 2009 में भाजपा के मधुसूदन यादव, 2014 में भाजपा के अभिषेक सिंह और 2019 में भाजपा के संतोष पांडेय सांसद निर्वाचित हुए थे।
इसलिए राजनांदगांव की अलग पहचान
प्रदेश में राजनांदगांव की पहचान संस्कारधानी के रूप में है। गणेशोत्सव और हाकी के कई नामी खिलाड़ी देने वाले इस शहर में पहले बंगाल-नागपुर काटन मिल्स के रूप में राज्य का इकलौता सूती वस्त्र उद्योग था। एशिया का पहला और एकमात्र संगीत विश्वविद्यालय इंदिरा कला एवं संगीत विवि के नाम से खैरागढ़ की पूरी दुनिया में विशेष पहचान है। अविभाजित मध्य प्रदेश के समय मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे मोतीलाल वोरा भी इस क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। स्वतंत्रता संग्राम में राजनांदगांव जिले के सेनानियों का बड़ा योगदान रहा है। जिले के छुईखदान को बलिदानी नगरी भी पुकारा जाता है।
विधानसभा के समीकरण से कांग्रेस मजबूत
शिवनाथ नदी के तट पर स्थित राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र को अगर विधानसभा के नजरिए से देखें तो यहां कुल आठ विधानसभा क्षेत्र (सामान्य-6, अजजा-1, अजा-1) में पांच सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। इनमें खैरागढ़, डोंगरगांव, खुज्जी, डोंगरगढ़, मोहला-मानपुर शामिल हैं जबकि केवल तीन सीटों में पंडरिया, कवर्धा और राजनांदगांव में भाजपा के विधायक हैं। यानी कांग्रेस के विधायकों की संख्या अधिक है।