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Total Solar Eclipse: 8 अप्रैल को लगेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण, भारत का Aditya L1 पास से निहारेगा ये पल

HIGHLIGHTS

  1. 8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण रात 09:12 मिनट से मध्य रात्रि 01:25 मिनट तक रहेगा।
  2. इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट तक होगी।
  3. खास बात ये है कि इस साल लगने वाली पूर्ण ग्रहण की अवधि काफी ज्यादा देर की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2024 का पहला सूर्यग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा और यह सूर्य ग्रहण भारत में भले ही न दिखाई दे, लेकिन देश के लिए यह सूर्य ग्रहण बेहद खास होने वाला है। इस इस Solar Eclipse को इसरो का आदित्य एल-1 सैटेलाइट काफी पास से निहारेगा और इस पल के सभी डेटा को संग्रहित करेगा। इसरो द्वारा छोड़ा गया Aditya L1 साल 2023 में प्रक्षेपित किया गया था और इस साल की शुरुआत में लाग्रेंज पॉइंट-1 पर हेलो कक्षा में प्रवेश कर गया था। 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के एक सीधी रेखा में रहेंगे और इस दौरान अमेरिका और आसपास के क्षेत्रों में करीब 4 मिनट के लिए अंधेरा छा जाएगा।

इस समय लगेगा सूर्य ग्रहण

8 अप्रैल 2024 को सूर्य ग्रहण रात 09:12 मिनट से मध्य रात्रि 01:25 मिनट तक रहेगा , इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 25 मिनट तक होगी। खास बात ये है कि इस साल लगने वाली पूर्ण ग्रहण की अवधि काफी ज्यादा देर की है। इससे पहले ऐसा सूर्य ग्रहण 1971 में दिखा था और आगे भी कई सालों तक ऐसा सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। इस दौरान चंद्रमा सूर्य को 3 मिनट से ज्यादा के लिए कवर कर लेगा।

ऐसे काम करेगा भारत का Aditya L1

सूर्य ग्रहण के दौरान भारत के Aditya L1 में लगे दो इंस्ट्रूमेंट्स विसिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) और सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्‍कोप (SUIT) प्राथमिक रूप से सूर्य ग्रहण को ऑब्जर्व करेंगे और लगातार कई तस्वीरें लेंगे। आदित्य एल-1 दुर्लभ ग्रहण के दौरान सूर्य को ऑब्जर्व करने वाला एकमात्र अंतरिक्ष यान नहीं होगा। इस दौरान यूरोप के सोलर ऑर्बिटर के उपकरण भी सूर्य ग्रहण को ऑब्जर्व करने के लिए सक्रिय रहेंगे।

आदित्य-एल1 पर लगे आदित्य पेलोड के लिए प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज ने फरवरी में कोरोनल मास इजेक्शन के पहले सौर पवन प्रभाव का पता किया था। इस बीच, 6 मीटर लंबा मैग्नेटोमीटर बूम जनवरी में तैनात किया गया था। सौर ऑर्बिटर पृथ्वी पर हमारे परिप्रेक्ष्य की तुलना में सूर्य का अवलोकन करेगा और सूर्य के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगा।

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