Sheetala Saptami 2024: शीतला सप्तमी 1 अप्रैल को, ये उपाय करेंगे तो जीवन में आएगी खुशहाली"/>

Sheetala Saptami 2024: शीतला सप्तमी 1 अप्रैल को, ये उपाय करेंगे तो जीवन में आएगी खुशहाली

HIGHLIGHTS

  1. हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल शीतला सप्तमी 1 अप्रैल 2024 को है।
  2. इन दिन घर की महिलाओं को घर का चूल्हा नहीं जलाना चाहिए।
  3. एक दिन पहले ही शीतला देवी के लिए प्रसाद के रूप में पकवान तैयार कर लिए जाते हैं।

धर्म डेस्क, इंदौर। हर साल होली त्योहार के 7 दिन बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी व्रत रखा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन बासी खाना खाने से शीतला माता निरोगी काया का आशीर्वाद देती है। शीतला माता के बारे में स्कंद पुराण में विस्तार से उल्लेख मिलता है। पंडित प्रभु दयाल दीक्षित के मुताबिक, यदि विधि-विधान के साथ शीतला सप्तमी का व्रत किया जाता है तो कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

कब है शीतला सप्तमी

हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल शीतला सप्तमी 1 अप्रैल 2024 को है। इन दिन घर की महिलाओं को घर का चूल्हा नहीं जलाना चाहिए। एक दिन पहले ही शीतला देवी के लिए प्रसाद के रूप में पकवान तैयार कर लिए जाते हैं और शीतला सप्तमी के दिन बासी भोजन का सेवन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि ठंडा भोजन करने से शीत से संबंधित बीमारियां नहीं होती है।

शीतला सप्तमी पर करें ये उपाय

    • शीतला सप्तमी पर सुबह स्नान के बाद देवी की पूजा करना चाहिए। विधि-विधान से पूजा के बाद ही प्रसाद ग्रहण करना चाहिए
    • शीतला माता की पूजा में कभी भी दीपक नहीं जलाया जाता।
    • इस तुलसी मंत्र का जाप करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है –

वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बरराम्,

मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम्।

शीतला सप्तमी की कथा

शीतला सप्तमी को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। धार्मिक मान्यता है कि पुरातन काल में किसी गांव में एक महिला रहती थी। वह महिला शीतला देवी की भक्त थी और शीतला माता की पूजा करती थी। एक बार जब गांव में आग लगी तो सभी के घर जल गए लेकिन उस महिला का घर नहीं जला। जब लोगों ने इसका कारण पूछा तो महिला ने शीतला पूजन का महत्व बताया। इसके बाद गांव के अन्य लोग भी हर साल शीतला माता की पूजा करने लगे।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button