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हीरो से ज्यादा विलेन के रोल में लोगों को पसंद आए फिरोज खान, बी ग्रेड फिल्मों से खूब कमाया नाम

HIGHLIGHTS

  1. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 60 से भी ज्यादा फिल्में की।
  2. फिरोज खान का जन्म बेंगलुरु के पठान परिवार में हुआ था।
  3. 1959 में रिलीज हुई फिल्म ‘दीदी’ से उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया।

एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Firoz Khan Unknown Facts: अपने जमाने के मशहूर एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर रहे फिरोज खान ने बॉलीवुड के आइकन के रूप में हमेशा सभी का दिल जीता। 70 के दशक में उन्होंने अपना अलग ही स्टाइल सेट किया, जिसने हर किसी को इंप्रेस किया। आज भी उनके स्टाइल का कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 60 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है। बता दें कि फिरोज ने अपने करियर की शुरुआत एक हीरो के रोल में की थी, लेकिन जब उन्होंने विलेन का किरदार निभाया, तो सभी को हैरान कर दिया। फिरोज खान का जन्म बेंगलुरु के पठान परिवार में हुआ था।

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फिरोज खान के पिता अफगान थे और माता ईरानी मूल की थीं। फिल्मी दुनिया में नाम कमाने के लिए वे मुंबई चले आए और कुछ ही सालों में अपनी जगह बना ली। साल 1959 में रिलीज हुई फिल्म ‘दीदी’ से उन्होंने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया। इस फिल्म में उन्होंने सुनील दत्त के साथ स्क्रीन शेयर की थी।

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फिरोज खान का पहला ही रोल छा गया। एक्ट्रेस ललिता पवार ने उन्हें कहा था “कामयाबी न कामयाबी, तुम्हारे बस की बात नहीं है। तुम अपने मकसद के साथ सच्चे रहो।” एक्टर ने इसी पर काम किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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नरगिस की भतीजी और एक्ट्रेस जाहिदा, फिरोज खान को उनके फेमस होने से पहले से जानती थीं। साल 2009 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था, “फिरोज मरीन ड्राइव पर मेरे पड़ोसी थे। वे एक गेस्ट हाउस में रहते थे। एक यंग और हैंडसम लड़का, जो रेड पोलो नेक शर्ट और स्वैगर पहनते था।”

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“उनके लुक से लड़कियां फिदा हो जाती थीं। वे काफी रंगीन मिजाज के व्यक्ति थे और उन दिनों उनकी एक एंग्लो-इंडियन गर्लफ्रेंड भी थी। मेरे पिता अख्तर हुसैन उस समय फिल्म रात और दिन को प्रोड्यूस कर रहे थे। उन्होंने फिरोज को नरगिस जी के साथ कास्ट किया था। यह उनके लिए काफी बड़ी बात थी।”

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बड़ी सफलता हासिल करने से पहले उन्हें पहले एक दशक तक काफी संघर्ष करना पड़ा। फिरोज खान हमेशा से एक स्टाइल आइकॉन बनना चाहते थे। उनकी यह ख्वाहिश भी पूरी हुई। फिरोज खान को बड़ा ब्रेक तब मिला, जब उन्हें रामानंद सागर की फिल्म ‘आरजू’ में राजेंद्र कुमार के दोस्त और साधना के एकतरफा प्रेमी की भूमिका निभाई थी।

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इसके बाद फिरोज खान को बी ग्रेड फिल्मों में लीड रोल मिलने लगे। फिल्म ‘आदमी और इंसान’ में धर्मेंद्र के अपोजिट अपनी बेहतरीन कलाकारी के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवाॅर्ड मिला।

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एक्टिंग में नाम कमाने के बाद फिरोज फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बन गए। फिरोज खान ने अपनी एक्ट्रेसेस को फिल्मों में ग्लैमर क्वीन के रूप में पेश किया, जो हमेशा बिकनी पहनती थीं। अपराध में मुमताज, कुर्बानी में जीनत अमान, यलगार में नगमा, जानशीन में सेलिना जेटली इस सभी का लुक फिरोज ने खास तरह से तय किया था।

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साल 2007 में अक्षय कुमार की फिल्म ‘वेलकम’ में वे आखिरी बार नजर आए थे। फिल्म में उन्होंने अंडरवर्ल्ड डॉन आरडीएक्स के किरदार में दर्शकों को खूब इंप्रेस किया। 27 अप्रैल साल 2009 में फिरोज खान का लंग्स कैंसर के चलते निधन हो गया था।

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