काम की खबर: बीवी-बच्चों से फोन कॉल पर ‘हैलो’ नहीं, पासवर्ड बोलें, बच जाएंगे बड़े फ्रॉड से
HIGHLIGHTS
- बच्चों को फंसाने की धमकी दी जाती है और ठगी की जाती है।
- रायपुर की ही बात की जाए तो बीते दो माह में ऐसी करीब 40 शिकायतें दर्ज की गई है।
- कुछ मामलों में माता-पिता को उनके बच्चों की आवाज में भी कॉल करके तत्काल सहायता मांगी जाती है।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। हम अक्सर सुनते हैं कि शातिर ठग ने अधिकारी बनकर लोगों को ठगने का प्रयास किया, लेकिन समय के साथ अब शातिर ठग भी लोगों को फांसने के नए-नए तरीके आजमा रहे हैं। बीते दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें शातिर ठगों ने AI के जरिए आवाज बदलकर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर कॉल किया और अभिभावकों को धमकाया कि आपके बच्चे ने तीन अन्य बच्चों के साथ मिलकर किसी लड़की के साथ दुष्कर्म किया।
ऐसे मामलों में बच्चों को फंसाने की धमकी दी जाती है और ठगी की जाती है। रायपुर की ही बात की जाए तो बीते दो माह में ऐसी करीब 40 शिकायतें दर्ज की गई है। कुछ मामलों में माता-पिता को उनके बच्चों की आवाज में भी कॉल करके तत्काल सहायता मांगी जाती है। ऐसे में यदि बच्चा माता-पिता के साथ न हो तो घबराकर बताए गए नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
AI वॉयस क्लोनिंग फ्रॉड से ऐसे बचें
- अपने परिवार या भरोसेमंद दोस्तों के बीच एक मौखिक ‘कोडवर्ड’ सेट करें। यदि तत्काल मदद के लिए कोई पैसे मांगते हैं तो सुरक्षा के लिहाज के कोडवर्ड जरूर पूछें।
- कॉल पर आपके अपने परिचित की आवाज सुनाई दें, लेकिन कॉलिंग नंबर अलग होने पर भी अलर्ट हो जाएं। फोन करने वाले से ये जरूर पूछे कि नंबर अलग क्यों है। फोन रखने के बाद उसी व्यक्ति को कॉल करके पुष्टि ज़रूर करें। पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही पैसे ट्रांसफर न कर दें।
- आपके पास भी ऐसे कॉल आए तो तत्काल अपने दोस्तों व परिचितों को इस बारे में सूचित करें। संभव हो तो सोशल मीडिया पर भी शेयर करें। ऐसे जानकारियों के प्रति आप जागरूक रहेंगे तो हो सकता है कि आपके पास ऐसे कॉल ही न आएं, क्योंकि ठग किसी व्यक्ति के प्रोफाइल को चेक करके ही उसे कॉल करते हैं।
- अपने फोन या लैपटॉप को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर के साथ अपडेट रखें। आजकल कई ऐसे सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध हैं तो ऐसे धोखाधड़ी वाले कॉल को ट्रेस कर लेते हैं।