Madhav National Park: 70 दिन में पहुंचे सिर्फ 69 पर्यटक, इनमें से किसी को नहीं दिखे बाघ"/>

Madhav National Park: 70 दिन में पहुंचे सिर्फ 69 पर्यटक, इनमें से किसी को नहीं दिखे बाघ

HIGHLIGHTS

  1. 10 मार्च 2023 को पुर्नस्‍थापित किए थे बाघ
  2. 70 दिन में सिर्फ 69 पर्यटक ही पहुंचे
  3. किसी भी पर्यटक को नहीं दिखे बाघ

Madhav National Park नईदुनिया प्रतिनिधि, शिवपुरी। एक वर्ष पूर्व 10 मार्च 2023 को माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो बाघों को पुनर्स्थापित किया गया था। अब इन्हें उद्यान में आए एक वर्ष पूर्ण हो गया है। एक जनवरी 2024 से यहां पर टाइगर टूरिज्म भी शुरू कर दिया गया है। पिछले एक वर्ष की स्थिति देखें तो फिलहाल सालभर बीतने पर भी पर्यटन के क्षेत्र में बाघों के आने से कोई विशेष लाभ नहीं मिला है।

1 जनवरी से टाइगर टूरिज्म शुरू होने के बाद महज 69 पर्यटक ही बाघ देखने के लिए पहुंचे हैं, लेकिन इनमें से किसी ने भी बाघों को देखने का अनुभव साझा नहीं किया है। बाघों की पुनर्स्थापना को एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर माधव राष्ट्रीय उद्यान की वेबसाइट का विमोचन किया गया है। अब यहां से पर्यटकों को नेशनल पार्क के बारे में सभी जानकारियां मिलेंगी। अधिकारियों के अनुसार अब तक पूरा फोकस इस बात पर था कि टाइगर यहां के वातावरण में खुद को ढाल लें और अब पर्यटन को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में माधव राष्ट्रीय उद्यान में तीन बाघ हैं जिन्हें पन्ना टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाया गया है।

शावकों के जन्म न लेने से भी बढ़ी चिंता

बाघों को आए हुए एक वर्ष हो गया है। उनकी मैटिंग का सबसे अनुकूल समय भी बीत चुका है। ऐसा अनुमान भी लगाया जा रहा था कि मानसून के बाद शावकों को जन्म हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अधिकारी इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि यहां पर सिर्फ एक ही नर बाघ है। उसके साथ स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती हैं जिसके कारण शावक नहीं जन्मे। अब उम्मीद यहां आने वाले दो और बाघों से होगी। आगामी योजना के अनुसार यहां पर एक नर और एक माद बाघ और लाए जाने हैं।

जिप्सी में भी कर सकेंगे भ्रमण

माधव राष्ट्रीय उद्यान का बड़ा हिस्सा आबादी क्षेत्र से भी लगा है जिस पर 13.5 किमी लंबी बाउंड्री बनाने का काम चल रहा है। इस बाउंड्री के बनने के बाद ही यहां पर दो और बाघ लाए जाएंगे। भरकुली गेट से हो रहा टाइगर टूरिज्म पर्यटकों की सुविधा के लिये माधव राष्ट्रीय उद्यान के प्रमुख द्वार के अतिरिक्त भरकुली पर भी टिकिट घर की व्यवस्था कर दी गई है। शीघ्र ही खुली जिप्सी में भी पर्यटक टाइगर क्षेत्र भ्रमण का आनंद ले सकेंगे जिसके लिए अनुबंध की प्रक्रिया की जा रहा है।

वर्तमान टूरिस्ट ट्रेल में पर्यटकों को गतवाया पेट्रोलिंग कैं के निकट स्थित तालाब एवं ग्रासलैंड में चीतल, सांभर, जंगली सूअर, नीलगाय, मोर, चिंकारा, भालू, तेदुंआ इत्यादि जानवर सहज ही दिखाई पड़ जाते है।

अधिकारियों के दावों से मेल नहीं खाते आंकड़े

एक वर्ष पूर्ण होने के बाद पर माधव राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों ने दावा किया है कि बाघों को देखने के लिए शिवपुरी के साथ ग्वालियर, गुना, झांसी के पर्यटक भी आ रहे हैं। पर्यटक बाघों के पग मार्क और स्केट देखकर राेमांचित हो रहे हैं। अब यदि इस दौरान आने वाले पर्यटकों की संख्या देखें तो एक जनवरी से अब तक टाइगर टूरिज्म के लिए महज 69 पर्यटक ही आए हैं। इसके अलावा इन पर्यटकों को भी बाघ दिखाई नहीं दिए हैं और उन्हें सिर्फ बाघों के पग मार्क ही दिखाई दे रहे हैं। इसके चलते यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या न के बराबर है।

माधव राष्ट्रीय उद्यान में ही हर दिन औसतन 40 से 50 पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। टाइगर रिजर्व बनाने के चल रहे हैं प्रयास माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए भी प्रयास चल रहे हैं। इस क्रम में गत दिनों वन मंत्री के सामने इसे टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए यहां 1246 वर्ग किमी का बफर जोन बनाया जाएगा। माधव राष्ट्रीय उद्यान का कोर एरिया 354 वर्ग किमी का है। इतने क्षेत्रफल में यहां वर्तमान में सिर्फ तीन टाइगर ही हैं। इस बफर जोन में 13 गांव आ रहे हैं। हालांकि इसमें से किसी को भी विस्थापित करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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