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Sakat Chauth 2024: इस खास दिन करें गणेश स्तोत्र का पाठ, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता

HIGHLIGHTS

  1. सकट चौथ के दिन ही श्री गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा की थी।
  2. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही चतुर्थी का व्रत खोला जाता है।
  3. अगर मंत्रों का जाप न किया जाए, तो सकट चौथ की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है।

धर्म डेस्क, इंदौर। Sakat Chauth 2024: सकट चौथ पर्व माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। सकट चौथ का त्योहार भगवान गणेश को समर्पित होता है। सकट चौथ का व्रत महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए करती हैं। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही चतुर्थी का व्रत खोला जाता है। मान्यता के अनुसार, सकट चौथ का व्रत रखने से भगवान गणेश साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि अगर मंत्रों का जाप न किया जाए, तो सकट चौथ की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश के मंत्रों और स्तोत्र का जाप जरूर करना चाहिए।

गणेश स्तोत्र

शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।

येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥

चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।

विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥

तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।

साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥

चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।

सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥

अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।

तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥

इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।

एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥

तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।

क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥

धन लाभ हेतु मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

शुभ लाभ गणेश मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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