Lok Sabha Elections 2024: छत्‍तीसगढ़ में भाजपा का ‘मिशन 11’, रूठों को मनाएंगे, नए चेहरे पार कराएंगे चुनावी वैतरणी"/> Lok Sabha Elections 2024: छत्‍तीसगढ़ में भाजपा का ‘मिशन 11’, रूठों को मनाएंगे, नए चेहरे पार कराएंगे चुनावी वैतरणी"/>

Lok Sabha Elections 2024: छत्‍तीसगढ़ में भाजपा का ‘मिशन 11’, रूठों को मनाएंगे, नए चेहरे पार कराएंगे चुनावी वैतरणी

HIGHLIGHTS

  1. विधानसभा चुनाव 2023 के फार्मूले पर काम करेगी भाजपा, मोदी ही सहारा
  2. निगम-मंडलों में नियुक्ति के साथ भाजपा के संगठन में भी बदलाव जल्द

संदीप तिवारी/रायपुर। Lok Sabha Chunav 2024: विधानसभा चुनाव 2023 में बड़ी जीत हासिल करने के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए मशक्कत तेज कर दी है। इसके लिए सभी लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी को नए चेहरे की तलाश है। जिस तरह भाजपा ने विधानसभा चुनाव में प्रयोग करके नए युवा चेहरे और प्रोफेशनल्स को चुनावी मैदान में उतारा था, उसी तरह इस बार भी पार्टी विभिन्न लोकसभा में सक्रिय नेताओं की तलाश में जुटी है।

नए चेहरे लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की चुनावी वैतरणी पार कराएंगे। विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा ने 47 सीटों पर नए चेहरे उतारे थे जो कि कुल विधानसभा सीटों 90 का 52 प्रतिशत है। इनमें भी 37 प्रत्याशी ऐसे रहे हैं, जिनकी आयु 50 वर्ष से कम रही है। वहीं कांग्रेस 32 नए चेहरों पर दांव खेला था, जो कुल सीटों का लगभग 34 प्रतिशत रहा है। परिणाम के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस बार 90 में से 50 विधायक ऐसे हैं जो कि पहली बार चुनकर सदन में पहुंचे हैं।

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से सरकार बना ली है, लेकिन इस दौरान कई नेता नाराज भी हुए हैं, जिसके पीछे टिकट न मिलना या बड़ी जिम्मेदारी न मिलना बड़ी वजह है। प्रदेश में रमन कैबिनेट के 16 पूर्व मंत्रियों ने विधानसभा चुनाव में विधायक का चुनाव लड़ा और इनमें 11 जीते हैं। इनमें केवल चार को ही मंत्री पद मिल पाया। प्रदेश के कद्दावर नेताओं में राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, पुन्नूलाल मोहले, विक्रम उसेंडी, धरमलाल कौशिक, रेणुका सिंह, गोमती साय जैसे नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिल पाई है। इसी तरह अन्य नेता भी हैं जो कि संगठन से नाराज हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार इनकी नाराजगी दूर करने और लोकसभा चुनाव में पार्टी के सभी नेताओं का सपोर्ट पाकर जीत हासिल करने के लिए पार्टी ने कार्ययोजना बनाई है। बताया जा रहा है कि भाजपा अगले छह महीने के अंदर निगम मंडल और संसदीय सचिव की नियुक्तियां कर सकती है। जिनमें इन्हीं बचे नेताओं को मौका मिल सकता है। इनमें 60 प्रतिशत नए और 40 प्रतिशत पुराने विधायकों को मौका देने की तैयारी है।

इसके अलावा संगठन में भी फेरबदल हो सकता है। प्रदेश भाजपा के तीनों महामंत्रियों में विजय शर्मा, ओपी चौधरी और केदार कश्यप को विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इनकी जगह सरगुजा संभाग के प्रभारी संजय श्रीवास्तव, दुर्ग संभाग के प्रभारी भूपेंद्र सवन्नी और चंपादेवी पावले को महामंत्री बनाने की चर्चा है।

लोकसभा में चलेगा विधानसभा का फार्मूला

विधानसभा चुनाव के फार्मूले पर ही भाजपा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की मोदी की गारंटी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ वर्ष में किए गए कामों के सहारे जनता के बीच जाएगी। बूथ स्तर पर भाजपा मोदी के कामों की अलख जगाकर लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि मजबूत करेगी।

पहुंचने लगे बायोडाटा

पार्टी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के पास अभी से कुछ नेताओं के बायोडाटा पहुंच रहे हैं और इस बार भाजपा ने सभी 11 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी घोषित करने के लिए इस बार भी विधानसभा चुनाव की तर्ज पर प्रत्याशियों के बारे में सर्वे कराएगी।

विधानसभा चुनाव में लोकसभा के सदस्यों पर खेला था दांव

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लोकसभा सदस्यों पर दांव खेला था। इनमें दुर्ग लोकसभा सदस्य विजय बघेल, बिलासपुर लोकसभा सदस्य अरुण साव, सरगुजा लोकसभा सदस्य रेणुका सिंह, रायगढ़ लोकसभा सदस्य गोमती साय शामिल हैं। इन चारों में तीन लोकसभा सदस्य ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और विजय बघेल हार गए हैं।

इन बडे़ नेताओं को चुनाव लड़ा सकती है भाजपा

नए चेहरे के अलावा भाजपा कुछ बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। इनमें भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष द्वय सरोज पांडेय, लता उसेंडी, डा. रमन सिंह, विक्रम उसेंडी, पुन्नूलाल मोहले, विजय बघेल, धरमलाल कौशिक व अन्य के नाम शामिल हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में अलग रहे समीकरण

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2019 में समीकरण अलग रहे हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव 2018 के चुनाव में कांग्रेस 68 सीट के साथ बड़ी जीत हासिल की थी और भाजपा के विधायक 15 सीटों पर सिमट गए थे। विधानसभा चुनाव के महज छह महीने बाद भाजपा को प्रदेश की कुल 11

लोकसभा सीटाें में नौ सीटें हासिल हुई थी और कांग्रेस को दो सीटें मिलीं थीं। यह तब स्थिति थी जब प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार थी और अब प्रदेश में भाजपा की सरकार गठित हो चुकी है और प्रदेश की 54 विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक और 35 सीटों पर कांग्रेस के विधायक काबिज हैं और एक अन्य सीट पर गोडवाना गणतंत्र पार्टी से विधायक हैं।

वर्तमान में लोकसभा सीट की स्थिति

लोकसभा क्षेत्र लोकसभा सदस्य व दल

रायपुर सुनील सोनी, भाजपा

बिलासपुर रिक्त

दुर्ग विजय बघेल, भाजपा

रायगढ़ रिक्त

सरगुजा रिक्त

महासमुंद चुन्नीलाल साहू, भाजपा

राजनांदगांव संतोष पांडेय, भाजपा

कांकेर मोहन मंडावी, भाजपा

जांजगीर-चांपा गुहाराम अजगले, भाजपा

कोरबा ज्योत्सना महंत, कांग्रेस

बस्तर दीपक बैज, कांग्रेस

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