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Lok Sabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में में 23 प्रतिशत मतों के अंतर की खाई पाटना कांग्रेस के लिए चुनौती

HIGHLIGHTS

  1. तीन लोकसभा चुनावों में भाजपा का मत प्रतिशत लगातार बढ़ा और कांग्रेस का घटा है।
  2. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 58 प्रतिशत और कांग्रेस को 34.5 प्रतिशत वोट मिले थे।
  3. 29 लोकसभा सीटों में से छिंदवाड़ा छोड़ 28 भाजपा की झोली में आई थीं।

Lok Sabha Chunav 2024: नवदुनिया राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भले ही कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का दावा कर रही है पर उसके लिए 23 प्रतिशत से अधिक मतों के अंतर की खाई को पाटना किसी चुनौती से कम नहीं है।

 

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 58 प्रतिशत और कांग्रेस को 34.5 प्रतिशत वोट मिले थे। यानी 23 प्रतिशत का अंतर रहा है। इसी प्रकार वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा को 54.02 और कांग्रेस को 34.89 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। इस प्रकार 19.13 प्रतिशत वोट भाजपा को अधिक मिले थे। वर्ष 2009 में भाजपा को कांग्रेस की तुलना में सिर्फ 3.13 प्रतिशत वोट ही अधिक मिले थे।

 

बता दें, हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस की तुलना में 8.15 प्रतिशत वोट ही अधिक मिले। यही नहीं वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस के मत प्रतिशत में एक से भी कम का अंतर था। पिछले तीन लोकसभा चुनावों में भाजपा का मत प्रतिशत लगातार बढ़ा और कांग्रेस का घटा है।

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भाजपा 51 प्रतिशत वोट पाने की कर रही कोशिश

भाजपा विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी 51 प्रतिशत से अधिक वोट पाने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही है। केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के पास पहुंच रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से छिंदवाड़ा छोड़ 28 भाजपा की झोली में आई थीं।

 

इस बार भाजपा छिंदवाड़ा में कमल नाथ के गढ़ को ढहाकर सभी 29 सीटें जीतने की पूरी कोशिश कर रही है। उधर, कांग्रेस भी मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए कमजोर मतदान केंद्रों को चिह्नित कर कमियां दूर करने और मत प्रतिशत बढ़ाने में लगी है। विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी युवा नेता जीतू पटवारी को दी है।

 

मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच

पटवारी ने सभी जिला और ब्लाक इकाइयों को उन मतदान केंद्रों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है जहां पार्टी को पिछले चार विधानसभा चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। अब तक के चुनाव परिणाम बताते हैं कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव में लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रही है।

 

बसपा को छोड़ दें तो पिछले दो लोकसभा चुनाव में किसी भी दल को एक प्रतिशत से कम मत ही मिले। निर्दलीय जरूर लगभग चार प्रतिशत वोट ले जाते हैं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘आइएनडीआइए’ का भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 

लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा को प्राप्त मत प्रतिशत

चुनाव वर्ष– भाजपा– कांग्रेस

2019–58–34.50

2014–54–34.89

2009–43.45–40.14

2004–48.13–34.06

1999–46.58–43.91

(स्रोतः निर्वाचन आयोग)

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