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Chhattisgarh News: चार संयुक्त संचालकों के निलंबन पर कोर्ट की रोक, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में किए गए थे निलंबित

रायपुर (राज्य ब्यूरो)। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में निलंबित किए गए चार संयुक्त संचालकों को हाई कोर्ट बिलासपुर ने राहत दी है। कोर्ट ने सभी अफसरों की निलंबन कार्रवाई को खत्म करके उन्हें पुन: उन्हीं जगहों पर पदस्थ रहने (रि-स्टे करना) के निर्देश दिए हैं, जहां ये अधिकारी कार्यरत थे। इनमें रायपुर संभाग के के तत्कालीन संयुक्त संचालक के.कुमार अब एससीईआरटी में संयुक्त संचालक का पदभार ग्रहण करेंगे।

इसी तरह सरगुजा संभाग के संयुक्त संचालक हेमंत उपाध्याय, बिलासपुर संभाग के संयुक्त जेके प्रसाद और दुर्ग संभाग के संयुक्त संचालक जीएस मरकाम की भी निलंबन कार्रवाई खत्म हो गई है। इन अफसरों ने कोर्ट में निलंबन से बहाली करने को अर्जी लगाई थी, इस पर कोर्ट ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग को कारण बताते हुए निलंबन आदेश दिया जाना चाहिए। 90 दिन के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कारण नहीं बताया है। ऐसे में निलंबन से बहाली के आवेदन को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

पिछले सरकार के मंत्रियों ने कराया था पदोन्नत के बाद संशोधन

अधिकारिक सूत्रों की मानें तो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कुछ मंत्रियों और नेताओं ने अपनी राजनीतिक एप्रोच करके इन अफसरों से सहायक शिक्षक से शिक्षक में पदोन्नत हुए शिक्षकों के पदस्थापना आदेश में संशोधन कराया था। बाद में पूर्व प्रमुख सचिव डा. आलोक शुक्ला और सचिव डा. एस. भारतीदासन ने इस मामले में बिना किसी ठोस प्रमाण के सभी अधिकारियों को ही दोषी ठहराते हुए निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं, निलंबन आदेश में भी अफसरों ने स्वीकार किया था कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विभाग में पदास्थापना आदेश को संशोधित किया गया है। यही कारण है कि शिक्षा विभाग इन अफसरों पर लगाए गए आरोप को लेकर कोई ठोस आरोप पत्र जारी नहीं कर सका।

यह है पूरा मामला

प्रदेश के शिक्षा संभागों के संयुक्त संचालकों ने सहायक शिक्षकों की शिक्षक के पद पर पदोन्नति की थी। इसमें 9,749 शिक्षकों ने काउंसिलिंग के लिए विकल्प भरा था और 867 ने सहमति नहीं दी थी। बिलासपुर संभाग में 2,785, दुर्ग संभाग में 1,505, रायपुर संभाग में 1,283, सरगुजा संभाग में 2,997 और बस्तर संभाग में 2,206 शिक्षकों को पदोन्नति मिली थी। इनमें ज्यादातर शिक्षकों ने पदोन्नति के बाद पदस्थ किए गए स्कूलों में ज्वाइनिंग दे दी है। बाकी 2,723 शिक्षकों ने अपनी पदस्थापना में संशोधन कराया था।

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