Raipur News: फर्जी तरीके से जीएसटी नंबर हासिल कर ठगी करने वाले गिरोह का अब तक पता नहीं, डाक्टर और सीए के नाम पर बनाई करोड़ों की कंपनी"/>

Raipur News: फर्जी तरीके से जीएसटी नंबर हासिल कर ठगी करने वाले गिरोह का अब तक पता नहीं, डाक्टर और सीए के नाम पर बनाई करोड़ों की कंपनी

HIGHLIGHTS

  1. फेक कंपनी बनाकर लाखों की कर चोरी
  2. जीएसटी के अफसर संदिग्ध कंपनियों को नोटिस भेजकर जानकारी हासिल कर रहे
  3. जालसाजों को साइबर सेल की टीम भी अब तक ट्रेस नहीं कर पाई

रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। फर्जी पैन कार्ड, आधार कार्ड के माध्यम से जीएसटी नंबर हासिल कर फेक कंपनी बनाकर ठगी करने वाले गिरोह अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। विधानसभा थाना क्षेत्र में सितंबर में ठगी के इस तरह के दो मामले सामने आए थे।

ठगों ने एक डाक्टर और एक सीए के पैन कार्ड, आधार कार्ड का दुरुपयोग कर जीएसटी नंबर हासिल कर लिया था, फिर फेक कंपनी बनाकर लाखों की कर चोरी की थी। डाक्टर और सीए को ठगी की जानकारी तब मिली, जब वे आइटी रिटर्म का फार्म जमा करने पहुंचे। इसके बाद दोनों ने घटना की शिकायत थाने में दर्ज कराई।
 

फेक कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी

गौरतलब है कि राजधानी सहित प्रदेश के कई शहर के लोगों के आधार, पैन कार्ड और अन्य निजी जानकारी हैक कर जालसाज जीएसटी नंबर हासिल कर, फेक कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी कर रहे हैं। इस संबंध में जीएसटी के अफसर संदिग्ध कंपनियों को नोटिस भेजकर जानकारी हासिल कर रहे हैं। रायपुर में डाक्टर और सीए के नाम से जीएसटी नंबर हासिल कर फेक कंपनी बनाकर दूसरे राज्यों में कारोबार कर रहे थे। इन जालसाजों को साइबर सेल की टीम भी अब तक ट्रेस नहीं कर पाई है। पुलिस मामले में पड़ताल करने की बात कह रही है।
 

हैकर नंबरों का इस तरह से कर रहे दुरुपयोग

पुलिस के मुताबिक हैकर लोगों के पैन तथा आधार कार्ड की कापी निकालकर फेक डिजिटल सिग्नेचर तक कर रहे हैं। इसके बाद उसके माध्यम से जीएसटी नंबर हासिल कर किसी दूसरे राज्य में कंपनी खोलकर जीएसटी चोरी कर रहे हैं। ठगी के शिकार को ठगी की जानकारी तब मिलती है, जब उसके पास जीएसटी का नोटिस पहुंचता है।

आधार प्राधिकरण भी अलर्ट जारी कर चुका है

देश की अलग-अलग सुरक्षा जांच एजेंसियों को जानकारी मिली है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) ने ऐसी डिवाइस तैयार की है जिसके माध्यम से इंसानों की उंगलियों के फर्जी निशान से बायोमीट्रिक सिस्टम में सेंधमारी किया जा सकता है। इस बात की जानकारी मिलने के बाद आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी यूआइडीएआइ ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि जहां बायोमेट्रिक कैप्चर किया जा सकता है, वहां बायोमेट्रिक निशान चिन्हित न करें।

आइटी रिटर्न जमा करने के समय ठगी की जानकारी

पेशे से सीए और ट्रांसपोर्टिंग कारोबार से जुड़े अंकित बांगर को अपने नाम से कंपनी होने की जानकारी तब मिली, जब उन्होंने आइटी रिटर्न जमा करने के लिए फार्म निकाला। इससे पता चला कि उनके पैन नंबर से हैदराबाद में कंपनी चल रही है। उनके जीएसटी नंबर पर करोड़ों रुपये का कारोबार किया जा रहा है।

डाक्टर के नाम पर दिल्ली में कंपनी

– सड्डू निवासी डा. दीपक जायसवाल मोवा स्थित एक निजी अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। चिकित्सा के छोड़ वे और कोई कारोबार नहीं करते। डाक्टर को भी अपने नाम से जीएसटी नंबर हासिल कर कारोबार करने की जानकारी आइटी रिटर्न जमा करने के दौरान मिली। डाक्टर के नाम से जालसाज दिल्ली में फर्जी कंपनी खोलकर कारोबार कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button