CG Election 2023 : चुनाव के दौरान इं‍टरनेट मीडिया पर भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट, सायबर सेल ने 22 यूजर्स की आइडी को किया ब्लाक"/>

CG Election 2023 : चुनाव के दौरान इं‍टरनेट मीडिया पर भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट, सायबर सेल ने 22 यूजर्स की आइडी को किया ब्लाक

HIGHLIGHTS

  1. इंटरनेट मीडिया पर लगातार आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित कर रहे थे सभी।
  2. रायपुर पुलिस की सायबर सेल इकाई ने की कार्रवाई।
  3. मोबाइल नंबर और आइपी एड्रेस से किया गया ट्रेस
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंटरनेट मीडिया प्रचार का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। चुनाव हो या अन्य कोई प्रचार, व्यापक तौर पर इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से होने लगा है। प्रचार-प्रसार करने की आड़ में अराजक तत्व इसका बेजा लाभ भी उठा रहे हैं। अराजक तत्व लोगों को उकसाने के लिए भ्रामक के साथ भड़काऊ पोस्ट डाल रहे हैं। चुनाव में इस तरह के भ्रामक और भड़काऊ पोस्ट रोकने के लिए पुलिस की साइबर सेल ने विशेष टीम गठित कर इंटरनेट मीडिया की मानिटरिंग कर रही है। चुनाव के दिन 17 नवंबर तक मानिटरिंग टीम को 22 इंटरनेट मीडिया यूजर ऐसे मिले, जिन लोगों ने चुनाव में भ्रामक तथा भड़काऊ पोस्ट डाल रहे थे। ऐसे यूजर की पुलिस की सायबर सेल इकाई ने आइडी ब्लाक कराने का काम किया है।
 
पुलिस अफसरों के मुताबिक अलग-अलग राजनीतिक दल के नेताओं के अलावा उनके समर्थक इंटरनेट मीडिया में पोस्ट शेयर कर रहे हैं। इसी कड़ी में तीन दर्जन से ज्यादा इंटरनेट मीडिया यूजर ने बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट शेयर की थी। ऐसे यूजरों को समझा गया। इसके बाद भी इनमें से 22 यूजर अनदेखी करते हुए लगातार आपत्तिजनक पोस्ट शेयर कर रहे थे। इसे संज्ञान में लेते हुए उनके मोबाइल नंबर और आइपी एड्रेस को ट्रेस कर उनका इंटरनेट मीडिया अकाउंट को ब्लाक कराया गया।

मतदान के दिन विशेष नजर

जिले सहित प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ। ऐसे में इंटरनेट मीडिया का साहरा लेकर अराजक तत्व किसी तरह से भ्रामक तथा आपत्तिजनक पोस्ट शेयर न करें, इसकी निगरानी की व्यवस्था की गई थी। पुलिस अफसरों के मुताबिक आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसएसपी ने ली थी मोबाइल कंपनियों के नोडल अफसरों की बैठक

विधानसभा चुनाव में इंटरनेट मीडिया का गलत तरीके से इस्तेमाल न हो पाए इस बात को ध्यान में रखते हुए एसएसपी ने जिले में संचालित अलग-अलग मोबाइल कंपनियों के नोडल अफसरों की बैठक लेकर उन्हें दिशा निर्देश दिए थे। साथ ही मोबाइल कंपनियों को आचार संहिता का हवाला देते हुए पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।

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