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छत्‍तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम भूपेश बघेल का एलान- कांग्रेस की सरकार बनाओ फिर करेंगे कर्जा माफ

HIGHLIGHTS

  1. मुख्यमंत्री बघेल सोमवार को सक्ती विधानसभा क्षेत्र में आमसभा को संबोधित कर रहे थे।
  2. वह विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत के नामांकन पत्र दाखिल कराने के लिए सक्ती पहुंचे थे।
  3. उन्‍होंने कहा कि भाजपा ने किसानों, मजदूर, महिलाओं और युवाओं के लिए एक भी घोषणा नहीं की।

रायपुर(राज्य ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 के पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वादों की झड़ी लगा दी है। किसानों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने लोगों से कहा कि कांग्रेस की सरकार बनाओ फिर किसानों का ऋण माफ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री बघेल सोमवार को सक्ती विधानसभा क्षेत्र में आमसभा को संबोधित कर रहे थे। वह विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत के नामांकन पत्र दाखिल कराने के लिए सक्ती पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने किसानों, मजदूर, महिलाओं और युवाओं के लिए एक भी घोषणा नहीं की।

इसके पहले हमारे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहली घोषणा की थी कि छत्तीसगढ़ में जातिगत जनगणना होगी। दूसरी घोषणा कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने की थी कि 17.50 लाख गरीबों को आवास दिया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार अपना हिस्सा दे या न दे, छत्तीसगढ़ सरकार गरीब लोगों का मकान बनाकर रहेगी। 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान भी खरीदेंगे।

आज सक्ती में आया हूं। आज शारदीय नवरात्रि में मां शक्ति के उपासक लोग यहां बैठे हैं और किसानों को शक्तिमान व ताकतवर बनाना है। इसलिए जिस तरह पहले किसानों की कर्जमाफी किया था उसी तरह फिर सरकार बनाएंगे तो फिर ऋण माफी करेंगे।

गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही किसानों की कर्ज माफ़ी की थी। सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंकों से कर्जा उठाने वाले करीब 17 लाख 82 हजार किसानों का 9270 करोड़ का कर्ज माफ किया गया था। पिछले चुनाव में कांग्रेस की यह प्रमुख घोषणा भी रही।

अब बस घोषणाओं का सहारा बचा: रमन

छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी का वादा एक बार फिर सूबे की सियासत को गरमा दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश की घोषणा के बाद पर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पांच साल के विकास पर तो इन्हें कोई भरोसा रहा नहीं, अब बस घोषणाओं का सहारा बचा है, क्योंकि शायद दाऊ भूपेश बघेल ने सर्वे की रिपोर्ट पढ़ ली है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि पूर्ण कर्जमाफी के धोखे से 2018 में सरकार बनाई और पांच साल तक लाखों किसानों का कर्ज बरकरार रखा। अब आप सोचिये कि इस किसान विरोधी सरकार ने फिर ऐसा क्या किया कि किसान फिर कर्जदार हो गए? मुख्यमंत्री ने घोषणा को अपने इंटरनेट मीडिया एक्स पर भी इसे साझा किया है।

कर्जा माफ के क्या हैं सियासी मायने ?

विधानसभा चुनाव 2018 में कर्ज माफी का मुद्दा एक बड़ा फैक्टर कांग्रेस की जीत में साबित हुआ था और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभी से यह घोषणा कर यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस एक बार फिर किसानों के हितों को केंद्र मानकर घोषणा पत्र में गारंटी देने वाली है। हालांकि कांग्रेस के 2018 के जन घोषणा पत्र के 36 वादों को पूरा नहीं करने का भाजपा आरोप लगाती रही है। शराबबंदी, राेजगार, संविदाकर्मियों का नियमितीकरण जैसे कई मुद्दे अभी ज्वलंत हैं।

किसानों ने उठाया इस बार ज्यादा कर्ज

चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ में कर्ज माफी की आस में कृषि ऋण लेने को किसानों ने पिछले पांच वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। किसानों ने पिछले वर्ष की तुलना में एक हजार 337 करोड़ अधिक कर्ज उठा लिया है।

वर्ष लक्ष्य राशि पूर्ति राशि

2018-19 3600 3287.55

2019-20 4000 3981.45

2020-21 4600 4495.39

2021-22 5300 4747.77

2022-23 5800 5563.60

2023-24 6100 6900.00

(राशि करोड़ रुपये में)

 

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