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Diwali Tulsi Upay: बरकत बढ़ने के साथ घर में आएगी खुशहाली, दीपावली पर करें तुलसी से जुड़े ये उपाय

HIGHLIGHTS

  1. हर एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर सुहाग की चीजें जरूर चढ़ाना शुभकारी होता है।
  2. ऐसा करने से पति की उम्र लंबी होने के साथ-साथ परिवार में शांति आती है।
  3. सुहाग के सामान में चूड़ी, बिंदी, लाल चुनरी, सिंदूर, कुमकुम शामिल करना चाहिए।

धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजनीय माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है। यदि कोई व्यक्ति लगातार आर्थिक तंगी से परेशान है तो तुलसी से जुड़े ये उपाय कर सकते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, यदि तुलसी के पौधे की नियमित पूजा की जाती है तो भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भक्त पर खुश होती है और करियर में सभी बाधाएं दूर कर देती है। ऐसे में दीपावली पर तुलसी से जुड़े ये उपाय जरूर करना चाहिए।

तुलसी जी के पास घी का दीपक जलाएं

दशहरे से देवउठनी एकादशी तक रोज शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना शुभ होता है। ऐसा करने से तुलसी माता प्रसन्न होती हैं। घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है धन की प्राप्ति होती है।

सुहाग का सामान

हर एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर सुहाग की चीजें जरूर चढ़ाना शुभकारी होता है। ऐसा करने से पति की उम्र लंबी होने के साथ-साथ परिवार में शांति आती है। सुहाग के सामान में चूड़ी, बिंदी, लाल चुनरी, सिंदूर, कुमकुम शामिल करना चाहिए।

गन्ने का रस

तुलसी के पौधे को गन्ने का रस चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधे पर जल के साथ-साथ गन्ने का रस चढ़ाते हैं तो ऐसा करने से धन और सुख-शांति बनी रहती है। जीवन में खुशहाली आती है।

कच्चा दूध चढ़ाएं

तुलसी के पौधे पर कच्चा दूध चढ़ाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। गुरुवार और शुक्रवार को कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए। तुलसी के पौधे पर दूध चढ़ाने से जीवन में दुख दर्द दूर होता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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