ICC World Cup 2023: मुथैया मुरलीधरन की नजर में भारत विश्व कप का प्रबल दावेदार
ICC World Cup 2023: श्रीलंका के पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन की नजर में आगामी वनडे विश्व कप में भारत खिताब जीतने का प्रबल दावेदार है। हालांकि वे अपनी टीम श्रीलंका को खिताबी दौड़ में शामिल नहीं करते हैं। उनकी नजर में रविचंद्रन अश्विन वर्तमान दौर के श्रेष्ठ स्पिनर हैं, लेकिन विश्व कप टीम में उन्हें स्थान नहीं मिला है। मुरलीधरन के जीवन पर आधारित फिल्म ‘800’ के सिलसिले में इंदौर आए मुरलीधरन ने विभिन्न विषयों पर खास चर्चा की :
प्रश्न : आपने करियर में 800 विकेट लिए हैं। इस दौरान किस बल्लेबाज को गेंदबाजी करना कठिन था?
मुरलीधरन : कई बल्लेबाज अलग-अलग दौर में हुए। भारत के खिलाफ खेलते हुए हम सचिन तेंदुलकर को आउट करने की योजना बनाते थे। 1996 विश्व कप सेमीफाइनल में जब गेंद बहुत ज्यादा टर्न ले रही थी, तब भी सचिन अकेले जम गए थे और अर्धशतक जमाया था। वीरेंद्र सहवाग को गेंदबाजी करना कठिन है क्योंकि वे कब कौनसा शाट खेलें, कोई नहीं जानता।
प्रश्न : विश्व कप में किसी टीम को दावेदार मानते हैं?
मुरलीधरन : भारत मेरी पसंदीदा टीम है। भारत को घरेलू परिस्थितियों का फायदा भी मिलेगा। आस्ट्रेलिया भी मजबूत टीम है। हालांकि विश्व कप जीतने के लिए किस्मत का साथ भी जरूरी है। वर्ष 2019 में हमने देखा है कि न्यूजीलैंड बेहतर टीम थी, लेकिन किस्मत ने इंग्लैंड की मदद की और टीम चैंपियन बनी।
प्रश्न : भारत की विश्व कप टीम में तीन स्पिनर हैं, तीनों बाएं हाथ के। आप इसे सही चयन मानेंगे?
मुरलीधरन : कुलदीप यादव बाएं हाथ के हैं, लेकिन चाइनामैन हैं। वे आफब्रेक गेंदबाज की तरह हैं, जो टीम में विविधता लाते हैं। चयनकर्ता उपलब्ध विकल्पों में से श्रेष्ठ का चयन करते हैं। वहीं सोशल मीडिया में हजारों लोग अपने-अपने विचार व्यक्त करते हैं। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि वर्तमान में रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट के श्रेष्ठ स्पिनर हैं।
प्रश्न : गेंदबाजी करते समय आप आंखें बड़ी करते थे। क्या बल्लेबाज को डराना चाहते थे?
मुरलीधरन : (हंसते हुए) अरे नहीं, मैं गेंद और बल्लेबाज पर ध्यान लगाता था। यह मेरा नैसर्गिक गेंदबाजी एक्शन है। मैंने 17 साल की उम्र में पहली बार अपना एक्शन देखा क्योंकि तब न फोटो होते थे और न आज जितनी सुविधाएं थीं।
प्रश्न : फिल्म का ट्रेलर देखने से लगता है श्रीलंका में तमिल खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिलते। क्या वास्तविकता है?
मुरलीधरन : श्रीलंका ने लंबे समय तक गृहयुद्ध झेला है। शेष दुनिया को यही लगता है कि वहां भेदभाव होता होगा। दरअसल जिस समुदाए की संख्या ज्यादा होगी, उनका चयन भी ज्यादा होगा। मैं बचपन से होस्टल में रहा, जहां सभी वर्गों के बच्चे थे। मैंने जो माहौल देखा उसमें प्रदर्शन को वरीयता मिलती थी।
आधा घंटा देरी होने से बच गई जान
मुरलीधरन ने बताया कि जब सुनामी आई थी तो श्रीलंका में बहुत नुकसान हुआ था। तब मैं गाले में एक कार्यक्रम में शामिल होने वाला था। मेरी पत्नी को कोई काम आने से हमें करीब 20 मिनट की देरी हो गई। जब हम जा रहे थे तो लोगों को भागते हुए देखा। उन्होंने बताया कि सुनामी आई है और मैं रास्ते से ही वापस लौट गया। उन्होंने बताया कि मैंने पहली हिंदी फिल्म शोले देखी थी और यह बहुत पसंद है।