Asian Games 2023 Video: कर्ज लेकर तैयारी की, पैसे बचाने को घोड़े की लीद भी साफ करती थी सुदिप्ती हजेला

Asian Games 2023: इंदौर की बेटी ने हांगझू एशियन गेम्स चीन की घुड़सवारी स्पर्धा में रचा इतिहास, 41 वर्ष बाद भारत ने जीता स्वर्ण। मुक्केबाजी में सचिन सिवाच और नरेंद्र बेरवाल भी अगले दौर में पहुंचे।

HIGHLIGHTS

  1. घुड़सवारी ड्रेसेज टीम स्पर्धा में सुदीप्ति, दिव्यकीर्ति, विपुल और अनुश ने दिलाया सोना।
  2. सेलिंग में 17 वर्षीय नेहा ठाकुर ने जीता रजत पदक, इबाद अली को कांसा।
  3. भारतीय पुरुष हाकी टीम ने सिंगापुर को 16-1 से रौंदकर दर्ज की दूसरी जीत।

Asian Games 2023: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हांगझू एशियन गेम्स में मंगलवार को भारत की घुड़सवारी ड्रेसेज टीम ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया और यह संभव कर दिखाने वाली भारतीय घुड़सवारों की टीम में शामिल अपने शहर की बेटी सुदीप्ती हजेला का जोरदार प्रदर्शन देखते ही बना। नतीजतन, मंगलवार को चीन में तिरंगा लहराया।

हांगझू एशियन गेम्स में मंगलवार को भारत की घुड़सवारी ड्रेसेज टीम ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। घुड़सवारी में भारत को 41 वर्ष बाद कोई स्वर्ण पदक मिला है। भारत ने घुड़सवारी में पिछला स्वर्ण पदक 1982 में नई दिल्ली एशियन गेम्स में जीता था, तब भारत ने इवेंटिंग और टेंट पेगिंग स्पर्धाओं में तीन स्वर्ण पदक जीते थे। भारत ने घुड़सवारी में अंतिम बार 1986 एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था।

 

दरअसल, सुदिप्ती हजेला के साथ दिव्यकीर्ति सिंह, विपुल हृदय छेड़ा और अनुश अग्रवाला की टीम आशाओं पर खरी उतरी। यह चौकड़ी चयन ट्रायल के दौरान भी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और इनका स्कोर पिछले एशियन गेम्स के पदक विजेताओं से बेहतर या बराबर था। दिव्यकीर्ति एड्रेनेलिन फिरफोड पर सवार थी, जबकि विपुल चेमक्सप्रो एमरेल्ड पर सवार थे। भारत ने कुल 209.205 प्रतिशत अंक के साथ चीन (204.882 प्रतिशत अंक) और हांगकांग (204.852 प्रतिशत अंक) को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता।
आसान नहीं घोड़े पर बैठकर स्वर्ण पदक तक का सुदीप्ति का सफर

 

घोड़े पर बैठकर स्वर्ण पदक तक का सफर आसान नहीं था। सुदीप्ती को ट्रेनिंग दिलाने के लिए परिवार ने कर्ज लिया। पैसे कम थे तो 19 साल की यह लड़की घोड़े की लीद साफ करने जैसे काम भी खुद करती थी। सुदीप्ति बुधवार को व्यक्तिगत ड्रेसाज वर्ग में खेलेगी। गुरुवार को भी सुदीप्ति घोड़े के साथ मैदान में उतरेगी।
भारतीय दल में सुदीप्ती के अलावा दिव्यकीर्ति सिंह, विपुल हृदय छेड़ा और अनुश अग्रवाल शामिल हैं। सुदीप्ती के पिता मुकेश हजेला ने चीन से मोबाइल पर बातचीत में नईदुनिया को बताया कि इंदौर में इस खेल के लिए बहुत ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में उन्होंने बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए विदेश में ट्रेनिंग दिलाने का फैसला लिया। विदेश जाना बहुत महंगा था। इंदौर में जो काम 100 रुपये में हो जाता है, विदेश में उसके 1000 रुपये तक खर्च होते हैं। नतीजतन, परिवार और दोस्तों से मदद ली। कर्ज भी लिया।

 

बेटी को चार साल पहले फ्रांस में तैयारी के लिए भेजा। पैसे बचाना थे तो वह सब कम खुद करती थी। घोड़े की लीद साफ करना, उसे नहलाना जैसे काम भी खुद किए, क्योंकि नौकर रखने के पैसे नहीं थे। इसके बाद भी कई कई बार ऐसा लगा कि अब छोड़ दें, क्योंकि शुरुआत में प्रदर्शन बहुत खराब था। 25 घुड़सवारों में सुदीप्ती 25वें स्थान पर रहती थी। ऐसे में, इंदौर के कोच इंस्पेक्टर निहाल सिंह ने हमेशा प्रोत्साहित किया। धीरे-धीरे प्रदर्शन सुधरा।
प्रदेश सरकार से एकलव्य और विक्रम पुरस्कार मिलने से हिम्मत बढ़ी। अन्य सम्मान भी मिले। मुकेश हजेला ने कहा कि अब एशियन गेम्स में सुदीप्ती ने इतिहास रचते हुए हमारी तमाम मेहनत को सफल कर दिया है। सभी बोलते थे कि ड्रेसाज में उम्मीद मत कीजिए, बहुत मुश्किल है। हम तो सोच रहे थे कि पहले पांच में ही आ जाएं तो बेहतर है, लेकिन बच्चों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया।

 

देवास के किसान की बेटी नेहा ने भी चीन में रचा इतिहास
देवास/हाटपीपल्या। चीन में चल रहे एशियन गेम्स में देवास के किसान की बेटी ने इतिहास रचा। मंगलवार को सेलिंग स्पर्धा में देवास जिले की हाटपीपल्या तहसील के आमलाताज गांव के किसान मुकेश ठाकुर की 17 वर्षीय बेटी नेहा ठाकुर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रजत पदक अपने नाम किया। देवास जिले में पहली बार किसी खिलाड़ी ने एशियन गेम्स में पदक जीता है। इस पर यहां खुशी की लहर है।

 

नेहा ने अपने ताऊ के बेटे विशाल सिंह ठाकुर की प्रेरणा से 2016-17 में वाटर सेलिंग का अभ्यास शुरू किया था। विशाल स्वयं सेलिंग के खिलाड़ी थे और वर्तमान में भारतीय जलसेना में पदस्थ हैं। नेहा भोपाल में प्रशिक्षण के साथ ही बीकाम प्रथम वर्ष की पढ़ाई भी कर रही हैं। एशियन गेम्स में जाने से पहले उसे खेल मंत्रालय द्वारा तीन माह के प्रशिक्षण के लिए देश से बाहर भेजा गया था।

 

नेहा अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 12 और अंतराष्ट्रीय स्तर पर तीन पदक अपने नाम कर चुकी हैं। नेहा अपने परिवार की बड़ी बेटी है, उसके दो छोटे भाई हैं। माता रीना ठाकुर गृहिणी हैं। अब नेहा का लक्ष्य देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतना है।

 

नौकायन में मिले दो पदक
हांगझू । घुड़सवारी के अलावा भारत ने मंगलवार को सेलिंग (पाल नौकायन) में दो पदक जीते। 17 वर्षीय सेलर (पाल नाविक) नेहा ठाकुर ने रजत, जबकि इबाद अली ने कांस्य पदक जीता। लड़कियों की डिंगी आइएलसीए-4 स्पर्धा में नेहा का नेट स्कोर 27 अंक रहा, जिससे वह थाइलैंड की स्वर्ण पदक विजेता नोपासोर्न खुनबूनजान के बाद दूसरे स्थान पर रहीं। सेलिंग में पुरुषों के विंडसर्फर आरएस एक्स वर्ग में 52 अंक के नेट स्कोर के साथ इबाद ने कांस्य पदक प्राप्त किया। इस स्पर्धा का स्वर्ण कोरिया के वोनवू चो, जबकि रजत पदक थाइलैंड के नत्थाफोंग फोनोफैराट ने जीता।

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