हिमालयन नर भालू लेकर नागालैंड को देंगे बाघ, अकेली मादा भालू का अकेलापन होगा दूर, जंगल सफारी प्रबंधन की कवायद
रायपुर: नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी में पिछले दो साल से हिमालयन मादा भालू अकेली है। उसके अकेलेपन को दूर करने के लिए जंगल सफारी प्रबंधन ने हिमालयन नर भालू की मांग नागालैंड सफारी प्रबंधन से की है। नर भालू के बदले यहां से बाघ भेजा जायेगा। दरअसल हिमालय नर भालू के बदले नागालैंड सफारी की ओर से बाघ की मांग की गई। फिलहाल इस मांग लेकर पेंच फंस गया है।
जंगल सफारी के अधिकारियों ने बताया कि नर भालू नहीं होने से हिमालयन भालुओं की संख्या नहीं बढ़ पा रही है, फिलहाल नागालैंड जू के अधिकारियों से बातचीत चल रही है। दोनों पक्षों में सहमति होने पर जंगल सफारी को एक और हिमालयन नर भालू जल्द ही मिल जायेगा। जंगल सफारी के अधिकारियों ने बताया कि यहां शुरू में तीन बंगाल टाइगर थे। वर्तमान में सफारी व जू को मिलाकर कुल सात बाघ हैं। टाइगर किशोरी ने जुलाई 2017 में तीन शावक कान्हा, चेंदरू और बिजली को जन्म दिया था।इसके बाद वर्ष 2015 में सफेद बाघ लाया गया था। फिलहाल इनकी संख्या में अब तक बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
जंगल सफारी में एकमात्र मादा हिमालयन भालू को दो साल पहले यहां लाया गया था,उस समय काफी कोशिश की गई थी कि नर भालू को भी लाकर साथ रखा जाए ताकि हिमालयन भालुओं की संख्यां बढ़ सके, लेकिन किसी कारणवश यह कवायद पूरा नहीं हो सका। अब एक बार फिर से जंगल सफारी और नागालैंड जू के अधिकारियों के बीच इस संबंध में बातचीत चल रही है। नागालैंड सफारी प्रबंधन हिमालयन नर भालू देने को तैयार है लेकिन इसके बदले बाघ देने की शर्त रख दी है, हालांकि अधिकारी बाघ के बजाए और कोई भी जंगली जानवर देने को तैयार है। अब दोनों पक्षों में सहमति होने पर ही जंगल सफारी को हिमालयन नर भालू मिल पाएगा।
रायपुर डीएफओ विश्वेष झा ने बताया कि जंगल सफारी में इकलौते हिमालयन मादा भालू का एकाकीपन दूर करने नर भालू की मांग नागालैंड जूलाजिकल पार्क से की गई है। वे भालू के बदले बाघ देने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में बातचीत चल रही है। दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद ही नर भालू को यहां लाया जाएगा।