स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव अब छत्तीसगढ़ के नए उप-मुख्यमंत्री होंगे : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बधाई दी, कहा हैं तैयार हम. महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकानाएं।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव अब छत्तीसगढ़ के नए उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा की गई है। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में साल 2019 से जब से कांग्रेस की सरकार बनी थी तब से मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच काफी मतभेद देखने मिले थे। और आज दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच भी इस मुद्दे पर कई घंटे तक चर्चा चली। इस बार टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है।
कांग्रेस ने टीएस बाबा को उप मुख्यमंत्री बनाकर राजनीति का बहुत बड़ा दांव मास्टर स्ट्रोक के रूप में खेला है। राजनीतिक गलियारों में अब छत्तीसगढ़ की राजनीति को लेकर शांति का वातावरण बनाने हेतु आलाकमान ने टीएस बाबा को उप मुख्यमंत्री बनाकर एक नए अध्याय की शुरुआत कर दी है। इसी क्रम में कुमारी शैलेजा छत्तसीगढ़ कांग्रेस प्रभारी ने सभी पक्षों को एक करने के लिए जो अभियान चलाया था उसमें सफलता पा ली है और उन्होंने कहा है कि सभी लोग मिलकर आराम से चुनाव लड़ेंगे।
छत्तीसगढ़ का उप मुख्यमंत्री बनने के बाद टीएस बाबा को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि- हैं तैयार हम. महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकानाएं।
हैं तैयार हम.
महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ. @TS_SinghDeo pic.twitter.com/1sRZqsEU2W— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 28, 2023
छ्त्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव प्रदेश के डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार देर शाम इसकी घोषणा की। इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के साथ बैठक के बाद टीएस सिंहदेव ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने का अभी कोई सवाल नहीं है। दिल्ली में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ छत्तीसगढ़ के नेताओं की बैठक में विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव काे लेकर मंथन किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश के नेताओं के साथ करीब तीन घंटे तक चुनावी तैयारियों को लेकर चर्चा की। कांग्रेस के आला नेताओं की मानें तो बैठक में तय किया गया कि राज्य सरकार के कामकाज को लेकर चुनाव लड़ा जाएगा। वर्ष 2018 की तर्ज पर इस चुनाव में भी सामूहिक नेतृत्व रहेगा। साथ ही लोकसभा चुनाव में भूपेश सरकार के मंत्री और वरिष्ठ विधायकों को उम्मीदवार बनाया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ हर संभाग के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया था। प्रदेश में लोकसभा की 11 सीट है, जिसमें पिछले चुनाव में कांग्रेस की दो सीट पर जीत हुई थी।
बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 20 साल बाद कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि कोरबा लोकसभा क्षेत्र में राज्य गठन के बाद हुए तीन चुनाव में कांग्रेस को दो बार 2009 और 2019 जीत मिली है। इसके अलावा महासमुंद और दुर्ग लोकसभा सीट में एक-एक बार कांग्रेस को जीत मिली है। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि प्रदेश सरकार की विकास योजनाओं द्वारा जनता और युवाओं के जीवन में आ रहे बदलावों तथा आगामी चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है।सभी ने सकारात्मक रुख अपनाकर सुझाव दिए कि अगले चार महीनों में हम कैसे काम करेंगे। बैठक में सामाजिक, भौगोलिक स्थिति पर चर्चा हुई और सभी ने अपना योगदान देने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री बघेल ने सरकार की योजनाओं और भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत मिले फीडबैक की जानकारी दी है। वहीं संगठन के कार्यक्रमों के बारे में प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने अपनी रिपोर्ट दी है। सैलजा ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलने से जनता के बीच में सकारात्मक वातावरण है। इसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाएगा। छत्तीसगढ़ में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, जैसे हमने 2018 के विधानसभा चुनाव को लड़ा था। हम भाजपा की नकारात्मक राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे। भाजपा का काम धार्मिक एजेंडा चलाना है, लेकिन हम उसे चलने नहीं देंगे। भाजपा ट्रैप कर फंसाने की कोशिश करती है, लेकिन झूठे और फालतू एजेंडों में कोई फंसने वाला नहीं है। जनता भाजपा और केंद्र सरकार की सच्चाई को जान चुकी है।