Electricity Bill: बिजली विभाग ने उपभोक्ता को दिया झटका… भेज दिया 7 साल पुराना 22,000 रुपए का बिल

घटनाक्रम छत्तीसगढ़ के गरियाबंद का है। गनीमत है कि उपभोक्ता के पास बिजली के भरे गए बिल की रसीद है। यदि रसीद नहीं होती, तो दोबारा 22,000 रुपए भरने पड़ जाते। हालांकि मसले का हल पूरी तरह अभी भी नहीं हुआ है।

HIGHLIGHTS

  1. 7 साल पहले जमा कर दिया गया था बिल
  2. फिर भी बिजली विभाग ने वसूली निकाली
  3. ग्राहक को रसीद लेक लोक अदालत बुलाया

गरियाबंद (छत्तीसगढ़)। अगर आप किसी भी बिल या समान का पेमेंट करके उसका बिल इधर-उधर रख देते हैं या फेंक देते हैं, तो यह खबर आपके बहुत काम की है। घटनाक्रम जानकर आपको बिल रखने की अहमियत पता चलेगी।

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में बिजली विभाग ने अपने उपभोक्ता हेमचंद देवांगन को 7 साल पुराने बकाया को लेकर उनके घर पर नोटिस भेजा। इसे देखकर एकबार तो घर वाले भी संशय में पड़ गए कि 7 साल पहले उनका कनेक्शन था कहां?

यह नोटिस भी कोर्ट को गुमराह करते हुए लोक अदालत के माध्यम से भेजा गया। नोटिस में 22 हजार 404 रुपये की राशि बकाया होने की बात कहते हुए 21 सितंबर को लोक अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि अगर आपने बिल जमा कर दिया है तो उसकी पावती अपने साथ लेकर आवे।

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क्या बकाया बिल की कहानी

  • यह बिल मैनपुर डिवीजन से आमदी में लगे व्यावसायिक कनेक्शन के लिए जारी किया गया है, जो कि 7 साल पहले का है। इस बिल को उपभोक्ता हेमचंद देवांगन के द्वारा 19 सितंबर 2017 को जमा कर दिया गया था।
  • इसकी पावती उन्होंने संभाल कर रखी हुई थी। सवाल यह उठता है कि अगर उनके पास इसकी रसीद नहीं होती, तो उनकी सुनवाई कौन करता और उन्हें पैसा जमा करने के बावजूद दोबारा 22 हजार 404 रुपए जमा करने पड़ जाते।
  • मामले को लेकर जब बिजली विभाग के अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने बताया कि 7 साल पुराना मामला होने के चलते उस वक्त कौन व्यक्ति था, किसने पैसा जमा किया है, यह उन्हें नहीं पता।
  • उपभोक्ता के द्वारा दिखाई गई रसीद असली है और उन्होंने बिजली विभाग में पैसा जमा किया है। अब यह मामला जांच के बाद ही पता चलेगा कि उनके द्वारा पैसा जमा किए जाने के बावजूद नोटिस क्यों भेजा गया।

संभाल कर रखें जमा किए गए पुराने बिजली बिल

इस समाचार के बाद आपको किसी भी वस्तु के बिल और पावती को संभाल कर रखने की अहमियत का एहसास हो जाएगा। अगर उपभोक्ता के द्वारा बिल की रसीद संभाल कर नहीं रखी गई होती, तो आज निश्चित होने 22 हजार 404 रुपए लोक अदालत में जाकर जमा करने पड़ते।

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