प्रधान मुख्य वन संरक्षक, छत्तीसगढ़ से रायपुर में मिले एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा
कोयला खनन से जुड़े विभिन्न पर्यावरणीय पहलुओं पर हुई सार्थक चर्चा
एसईसीएल सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने दिनांक 13 जून को रायपुर में छत्तीसगढ़ के पीसीसीएफ़ (प्रधान मुख्य वन संरक्षक) श्री श्रीनिवास राव व अतिरिक्त पीसीसीएफ़ श्री सुनील मिश्रा से सौजन्य भेंट की। उन्होंने वन एवं पर्यावरण स्वीकृति सहित सम्बद्ध मुद्दों पर उनके सतत सहयोग के लिए आभार प्रकट किया तथा कहा कि एसईसीएल पर्यावरण संवर्धन व संरक्षण के प्रति सदैव प्रतिबद्ध है।
सतत रूप से कोयला खनन सुनिश्चित करने के लिए एसईसीएल द्वारा विभिन्न पर्यावरण हितैषी तकनीक जैसे सरफेस माइनर (जिसमें ब्लास्टिंग कि ज़रूरत नहीं पड़ती), कोयला खनन के दौरान उड़ने वाली धूल के प्रभाव को कम करने के लिए मोबाइल वॉटर स्प्रिंक्लर एवं ईको-फ्रेंडली कोयला परिवहन के लिए एफ़एमसी परियोजनाओं को लागू किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में एसईसीएल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए व्रहद स्तर पर काम किया है जिसमें 365 हेक्टेयर से ज़्यादा क्षेत्र में 8 लाख से ज़्यादा पौधरोपण एवं विभिन्न खदानों से निकले लगभग 286.27 किलोलीटर पानी को स्थानीय लोगों के प्रयोग के लिए प्रदान किया गया है।
विदित हो कि एसईसीएल द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 22-23 में विभिन्न खदानों में कुल 9 मिलियन टन प्रति वर्ष का क्षमता विस्तार किया गया है। आगामी वर्ष के लिए कंपनी अपने मेगा प्रोजेक्ट्स गेवरा एवं दीपका पर क्षमता विस्तार की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत जहां गेवरा में वृहद स्तर पर क्षमता विस्तार करते हुए खदान की वर्तमान क्षमता 52.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 70 मिलियन टन करने की योजना है वहीं दीपका में आंशिक वृद्धि के साथ 37.5 मिलियन टन से 40 मिलियन टन करने की योजना पर काम किया जा रहा है।
जनसम्पर्क अधिकारी
एसईसीएल बिलासपुर