छात्रावास / आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर दें विशेष ध्यान : श्रीमती शम्मी आबिदी

तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का कल 10 जून को होगा समापन

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी ने कहा कि छात्रावास / आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों को आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस कार्य को छात्रावास अधीक्षकों को पूरी ईमानदारी के साथ करना चाहिए। आज के बच्चे ही कल का भविष्य हैं अतः उनमें अनुशासन एवं अच्छे गुणों का विकास करने में आपकी बहुत अहम भूमिका है। श्रीमती आबिदी ने यह बातें आज आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के तत्वाधान में ठाकुर प्यारेलाल, पंचायत एवं ग्रा.वि. संस्थान, निमोरा, रायपुर में चल रही तीन दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स की कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं। इसके साथ ही आपने कहा कि छात्रावास / आश्रमों में अध्ययनरत बच्चों के आधार कार्ड प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज किया जाए। इस संबंध में अधीक्षकों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके अलावा संस्था में उपलब्ध कैश बुक, उपस्थिति पंजी सहित अन्य सभी अभिलेखों के उचित संधारण हेतु भी आपने निर्देशित किया।

तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दूसरे दिन आज अलग-अलग विषयों पर मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया। आज के सत्र के प्रथम चरण में श्री ए. आ. नवरंग, अपर संचालक द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनाने एवं सत्यापन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने जाति प्रमाण-पत्र बनाने, सरलीकरण की दिशा में राज्य शासन द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश अंतर्गत विभाग द्वारा इस संबंध में किए जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।

सूचना के अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्राप्त आवेदनों पर करें तुरंत कार्यवाही : श्री ए.के. गढ़वाल

प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर संचालक श्री ए. के. गढ़वाल सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की विस्तार से जानकारी देते हुए इसके अंतर्गत प्राप्त ने आवेदनों पर त्वरित रूप से कार्यवाही करने के निपटारा करने का आग्रह किया। आपने इस संबंध में प्रथम अपील, द्वितीय अपील की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया तथा साथ ही अधिनियम अंतर्गत विलंब से जानकारी देने पर दंडात्मक प्रावधानों की भी जानकारी दी।

बच्चों को “गुड टच” एवं “बैड टच” के संबंध में करें जागरूक – श्री नंदलाल चौधरी

श्री नंदलाल चौधरी, संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग ने किशोर न्याय अधिनियम 2000 एवं लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण विषय पर विस्तार से जानकारी दी। आपने “गुड टच” एवं “बैड टच के संबंध में बच्चों को जागरूक करने पर बल दिया। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग की हेल्पलाइन नंबर 1098 का अपने स्तर पर प्रचार करने का आग्रह किया, ताकि बच्चों के प्रति किए हो रहे अपराधों पर लगाम लगाई जा सके। इस दिशा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की आपने विस्तार से जानकारी दी। श्री चौधरी ने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2000 की प्रस्तावना एवं 16 सिद्धांत ही इसकी आत्मा है। आपने बच्चों के साथ एक ऐसा प्रगाढ़ संबंध बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया, जिसमें बच्चे हर छोटी बड़ी बात अधीक्षक को बताने में झिझके नहीं, तभी उनकी समस्या का सही निराकरण संभव होगा।

बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जाचं पर दें विशेष ध्यान – सुश्री रेशमा खान

प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए सहायक आयुक्त, धमतरी सुश्री रेशमा खान ने छात्रावास आश्रम के विद्यार्थियों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही विशेषकर कन्या छात्रावास आश्रमों की अधीक्षिकाओं को. वहां अध्ययनरत बच्चियों को मासिक धर्म के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। साथ ही आकस्मिक स्थिति में बच्चों के उपचार के संबंध में अपनाए जाने वाली सावधानियों की भी विस्तार से जानकारी दी।

छात्रावास – आश्रमों के कुशल संचालन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की अहम भूमिका : श्रीमती माया वारियर

उपायुक्त श्रीमती माया वारियर ने छात्रावास – आश्रमों के कुशल संचालन में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भूमिका पर प्रकाश डाला। आपने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विभाग के कुशल संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। अतः आपके स्तर पर इन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो, इसका भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।

छात्रावास – आश्रमों की किसी भी समस्या से सर्वप्रथम उच्च अधिकारी को अवगत कराएं अधीक्षक – श्री तारकेश्वर देवांगन

उपायुक्त श्री तारकेश्वर देवांगन ने छात्रावास – आश्रमों के संचालन में आने वाली समस्याओं एवं उनके निदान पर विस्तार से जानकारी दी। आपने बताया कि अधीक्षक का यह पहला कर्तव्य है कि उसके प्रभार अंतर्गत आने वाले छात्रावास आश्रम में आने वाली किसी भी समस्या से सर्वप्रथम सहायक आयुक्त को अवगत कराए, ताकि समय रहते समस्या का बेहतर निदान किया जा सके।

इसके अलावा श्री संजय गौड़, अपर संचालक ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के संबंध में विस्तार से जानकारी दी एवं इस संबंध में अधीक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही अपर संचालक श्री जितेन्द्र गुप्ता एवं संयुक्त संचालक

श्री जी. आर. मरकाम द्वारा भी प्रशिक्षणार्थियों के प्रश्नों का बेहतर ढंग से उत्तर देकर उनकी शंकाओं का निवारण किया गया।

उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला में जिलों में पदस्थ छात्रावास अधीक्षक एवं नवनियुक्त सहायक संचालक को प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ताकि वे मास्टर ट्रेनरर्स के रूप में जिले में बेहतर कार्य कर सकें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button